भूमि की लूट और राज्य दमन उत्तराखंड की राजनीति का केंद्रीय एजेंडा बन गया है।नैनीसार,बिंदुखत्ता में चल रहे आंदोलन अभी इसके केन्द्र में है।दोनों जगह पर सरकार कानून की सरेआम अवहेलना कर रही है और दमन जारी है।दोनों जगह सैकडो लोगों पर फर्जी मुकदमे ठोक दिए गए हैं।अभी हाल में एक बडे फैसले के तहत प्राग व खुरपिया फार्म की 2000 एकड भूमि को राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा सिडकुल को सोंपने का गैर कानूनी फैसला लिया गया है।इससे पहले एस्कार्ट फार्म से निकली सीलींग की सैकडों एकड भूमि कांग्रेस की केन्द्र व भाजपा की राज्य सरकार ने मिलकर आईएमएम को लुटा दी थी।वर्षों से हम तराई में इस तरह की बेहिसाब जमीन को भूमिहीनों को वितरित करने का संघर्ष करते रहे हैं-जो कि उनका कानून सम्मत अधिकार है।विकास के नाम हो रही जमीन की लूट और न्यायोचित मांग पर दमन यह राज्य और केन्द्र सरकार का साझा कार्यक्रम एक साथ चल रहा है।रक्षक भक्षक बन गए हैं।एक बडे फलक वाले किसान आन्दोलन की तैयारी करनी होगी।
Let me speak human!All about humanity,Green and rights to sustain the Nature.It is live.
No comments:
Post a Comment