आषाढ़ का एक दिन'समन्व थियेटर शिमला' की एक बेहतर प्रस्तुति
कल यानि 21 मई, 20 मई, 2016 को मोहन राकेश का कालजयी नाटक का मंचन देखने का मौका मिला। अभिनय की दृष्टि से यह एक अत्यन्त कठिन और साहसिक कदम उठाने जैसा कार्य था जिसे सुरेन्द्र गिल के निर्देशन और भूपेन्द्र शर्मा के संचालन में सभी युवा कलाकारों ने बखूबी निभाया। मातुल, अम्बिका और मल्लिका के लम्बे किरदारों ने दर्शकों में खूब छाप छोड़ी, इन के साथ सभी साथी कलाकारों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं अर्थात पूरी टीम और सहयोगी कलाकारों को। मुख्य अतिथि कला भाषा एवं संस्कृति अकादमी के सचिव अशोक अंस जी थे। Dayal Prashad DrKaram Singh


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