कश्मीर में फिर हालात खराब हो रहे हैं. बीते कई सालों से हालात बहुत सुधरे थे. श्रीनगर तो देश के किसी भी आम शहर जैसा लगता था. हम लोग जब जाते, देर शाम, यहां तक कि रात को भी घूमते-फिरते. पिछले विधानसभा चुनाव को कवर करने गया तो एक रात को ११.३० बजे अपने गेस्ट हाउस पहुंचा. लेकिन सुदूर इलाकों की कौन कहे, श्रीनगर भी अब अशांत दिख रहा है. बीते सोमवार को शहर में जिस तरह की आतंकी हिंसा दज॓ हुई, वह चिंता का विषय है. कई सालों बाद ऐसी वारदात हुई. सोचना चाहिये, एक 'मजबूत राष्टृवादी सरकार' के राज में यह सब क्या और क्यों हो रहा है?
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