Shamshad Elahee Shams


जब पाकिस्तान में शादी से इंकार करने पर १९ साला मारिया को वहशी समाज पीट पीट कर जिंदा जला रहा था, दिल्ली में विश्व गुरु सभ्यता के झन्डाबरदार अफ्रीकी मूल के लोगों पर हमले कर रहे थे और इराक़ में आइसिस के कब्ज़े से फालूजा शहर को मुक्त कराने की लडाई आठवे दिन में पहुँच रही थी, तभी स्विट्ज़रलैंड दुनिया को इंजीनियरिंग और मानवीय कुशलता की अनुपम भेंट दे रहा था.
विश्वप्रसिद्द आल्प्स पर्वत श्रंखलाओं के नीचे दुनिया की सबसे लम्बी(५७ किलोमीटर) और गहरी (ढाई किलोमीटर) सुरंग बना कर उत्तरी और दक्षिणी यूरोप के बीच २५० किमी की रफ़्तार से चलने वाली ट्रेन का उद्दघाटन कर रहा था. १२अरब डालर की लागत का यह प्रोजेक्ट १७ सालों में अपने बजट और समय सीमा पर पूरा कर लिया गया.
दुनिया को विज्ञान का यह बेशकीमती तोहफा देने वाले हर इंजीनियर और कामगार को सलाम पहुंचे, बाकी इसे देखने जाने वाले मुंह खोल-खोल कर माशाल्लाह-अल्हम्दुलिल्लाह की जुगाली शौक से करते रहे.



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