पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जी के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल आज राजनीति कर रही है, वह जिस कोख से बियाई है, उसी संस्कृति की DNA को जगजाहिर कर रही है. उस संस्कृति की कुछ मूल दर्शनों पर गौर करें- लिंग-योनी पूजा, नायकों की नाजायज उत्पत्तियां, ऋषि मुनियों के स्त्रियों से सम्बन्ध,जैसे विश्वामित्र और मेनका की संभोगरत मूर्ति का कोणार्क मंदिर पर उकेरा जाना. अथर्ववेद में लिंग और योनी पर तमाम श्लोक, खजुराहो, धामौनी, बुंदेलखंड में फैली मैथुन मूर्तियाँ और सोमनाथ मंदिर की मैथुन मूर्तियाँ , जिन्हें तोड़ कर कुछ हद तक ढंकने की कोशिश . देवदासी जैसी प्रथाएं, सुरापान का वर्णन, नियोग प्रथाएँ, पुत्री और बहन सम्भोग की घटनाएँ... आखिर ये बातें अनायास तो हुई नहीं होगीं ?
Let me speak human!All about humanity,Green and rights to sustain the Nature.It is live.
No comments:
Post a Comment