Thursday, November 19, 2015

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पूव॓ छात्र होने के नाते वहां के ताजा घटनाक्रम पर मैं बेहद खुश हूं और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. इतने महान संस्थान के छात्रसंघ के उद्घाटन के लिये ऐसे विवादास्पद चरित्रों का आना दुभा॓ग्यपूण॓ होता. ऐसी संस्थाओं का उद्घाटन किसी विद्वान, बड़े बुद्धिजीवी या किसी भी क्षेत्र में समाज को रोशनी देने वाले किसी बड़े व्यक्तित्व से कराना चाहिये। अपढ़ किस्म के 'मंतरी-संतरी' को भी ऐसे मौकों पर नहीं न्यौतना चाहिये। प्रतिरोध का झंडा बुलंद करने वाले तमाम छात्रों को बधाई और शुभकामना.

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