https://youtu.be/5bTvxpCffaY
कूड़ा कूड़ा दिल्ली! Kejri Detached!
No HOKKOLOROB!
Muslim Saviour returns award!
Bengal Silent!
क्या भाजपा के खिलाफ वोट देने वाले पाकिस्तानी हैं,राष्ट्रद्रोही हैं जो पाकिस्तान खुश होगा,गुजरात नरसंहार के इतिहास से पूछें जवाब!
हीराभाभी को सलाम कि उनने कारपोरेट लिटरेचर फेस्टिवल के दिये गिरदा को मरणोपरांत लाइव टाइम एचिवमेंट ठुकरा दिया।कहा,जिसने लिया,वे रख लें।गिरदा के सरोकारों से इसका मतलब नहीं।
सिंगुर के किसानों को एक इंच जमीन वापस मिली नहीं है और न उन्हें मुआवजा लेने की इजाजत दी गयी है और वे राज्यसरकार से परिवर्तन के साढ़े चार साल बाद मुआवजा की मांग कर रहे हैं और परिवर्तन के सारे सिपाहसालार खामोश फासीवाद के हक में हैं।
Threat calls haunted temple saviour and the Muslim returns Kabeer Samman to Save India!
New Delhi: Rahul Gandhi Joins Sanitary Workers' Strike
https://www.youtube.com/watch?v=ugQcV9QNTsQ
पलाश विश्वास
INDIA: MUSLIM MAN DEVOTED TO RESTORING HINDU ...
www.youtube.com/watch?v=uOigjuNfLjc
Jul 21, 2015 - Uploaded by AP Archive
Pathan is a devout Muslim and visits the village mosque regularly. As well as ... SUPER CAPTION: Yasin ...
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Uploaded on 21 Nov 2011
KAJI NAJRUL ISLAM
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Kazi Nazrul Islam কাজী নজরুল ইসলাম
জাতের নামে বজ্জাতি সব (*বিষের বাঁশি)
জাতের নামে বজ্জাতি সব জাত-জালিয়াৎ খেলছ জুয়া,
ছুঁলেই তোর জাত যাবে? জাত ছেলের হাতের নয়তো মোয়া।
হুঁকোর জল আর ভাতের হাঁড়ি – ভাব্লি এতেই জাতির জান,
তাইত বেকুব, করলি তোরা এক জাতিকে একশ’-খান।
এখন দেখিস ভারত জোড়া পঁচে আছিস বাসি মড়া,
মানুষ নাই আজ, আছে শুধু জাত-শেয়ালের হুক্কাহুয়া।
জাতের নামে বজ্জাতি সব জাত-জালিয়াৎ খেলছ জুয়া।
জানিস নাকি ধর্ম সে যে বর্ম সম সহন-শীল,
তাকে কি ভাই ভাঙ্তে পারে ছোঁয়া ছুঁয়ির ছোট্ট ঢিল!
যে জাত-ধর্ম ঠুন্কো এত, আজ নয় কা’ল ভাঙবে সে ত,
যাক্ না সে জাত জাহান্নামে, রইবে মানুষ, নাই পরোয়া।
জাতের নামে বজ্জাতি সব জাত-জালিয়াৎ খেলছ জুয়া।
বলতে পারিস, বিশ্ব-পিতা ভগবানের কোন সে জাত?
কোন্ ছেলের তার লাগলে ছোঁয়া অশুচি হন জগন্নাথ?
ভগবানের জাত যদি নাই তোদের কেন জাতের বালাই?
ছেলের মুখে থুথু দিয়ে মার মুখে দিস ধূপের ধোঁয়া।
জাতের নামে বজ্জাতি সব জাত-জালিয়াৎ খেলছ জুয়া।।
दिल्ली कूड़ा कूड़ा है और न दिल्ली सरकार और न राज्य सरकार को परवाह है सफाई कर्चारियों की।न दलित नेता ,एमपी एमएलए, राजनीति को परवाह है।अरविंद केजरीवाल मौन है और दिल्ली का दम घुट रहा है।न दिल्ली और दिल्लीवालों की परवाह किसी को है।
1972 से कंसावती नदी किनारे एक आम आदमी जो संजोग से मुसलमान भी है,यासिन पठान चौतीस प्राचीन हिंदू मंदिरों की रक्षा जान पर खेलते हुए कर रहे हैं।
यासिन पठान को 1994 में भारत के तत्कालीन राषट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने आपातकाल से पहले जेपी आंदोलन के आगे पीछे कबीर सम्मान से सम्मानित किया था और बाबरी विध्वंस के बाद 2002 में वे इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर थे अपने हिंदुत्व के लिए।
उन्होंने फासीवादी असहिष्णुता के खिलाफ बंगाल की कवियत्री मंदाक्रांता सेन,फिल्मकार दिवाकर बंदोपाध्याय और इंद्रनील लाहिड़ी के बाद यह पुरस्कार लौटाने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
उनका बयान हुबहू वही है जो हमारे राष्ट्र का विवेक है,जो बयान दुनियाभर के वैज्ञानिकों, कवियों, लेखकों, कलाकारों, समाजशास्त्रियों,इतिहासकारों का फासीवादी असहिष्णुता और धर्मोन्मादी मजहबी मुक्तबाजारी फासीवादी राजकाज के बारे में है।
Published on 21 Jul 2015
Hindi/English/Nat
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Jul 21, 2015 - Uploaded by AP Archive
Pathan is a devout Muslim and visits the village mosque regularly. As well as ... SUPER CAPTION: Yasin ...
वे बेहद मामूली इंसान हैं और कबीर सम्मान माननीय अशोक वाजपेयी को भी मिला है।जिनने संजोग से साहित्यअकादमी पुरस्कार लौटा दिये हैं। उन्हें,यासिन पठान को मैं जानता हूं।
मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि होक कलरव का आखिर क्या मतलब है अगर वह इस दुस्समय में खामोश है?
मेरी समझ में नहीं आता कि वाममोर्चे के खिलाफ परिवर्तन के आवाहन का आखिर क्या मतलब है?
क्यो मतलब है नंदीग्राम नरसंहार के विरोध का जबकि हरिपुरा में परमाणु संयंत्र लगाने का बंगाल में अब कोई विरोध नहीं है और जनवरी ,1779 में हुए मरिचझांपी नरसंहार के खिलाफ पिछले 36 सालों में कोई आवाज बुलंद हुई नहीं है?
सिंगुर के किसानों के हकहकूक के हक में,नंदीग्राम में नरसंहार के खिलाफ सारा बंगाल सड़कों पर था और मीडिया में सिर्फ सितारे सजे हुए थे।
हम भी उन जुलूसों में थे।
हम भी ममता बनर्जी के अनशन मंच के आसपास थे और हर रात डलहौजी में अपने दफ्तर से निकलते हुए धर्मतल्ला में उनके अनशनमंच में सबकुछ ठीकठाक देखकर ही घर लौटते थे।
हमारे जैसे तमाम लोग कैमरे के फोकस में नहीं थे।
सिंगुर और नंदीग्राम के किसानों को आज भी न्याय नहीं मिला।
वाम को बेदखल करके आंदोलनकारियों को सत्ता मिली है और टाटा मोटर्स को बंगाल छोड़ना पड़ा।
अब औद्योगीकरण जमीन की बेलगाम लूट है।
अब औद्योगीकरण नालेज,हेल्थ हब है और बहुमंजिली प्रोमोटर बिल्डर सिंडिकेट माफिया का सीमेंट का जंगल है।
सुंदरवन का विध्वंस है।
नदियों, नालों और पोकरों को पाटने के बाद समुंदर भी प्रोमोटरों के कब्जे में है।
जो आंदोलन वाम के खिलाफ था,वह अब खामोश है और वही पुरस्कार लौटाने वालों पर हमला बोल रहा है।मतलब क्या है?
सिंगुर के किसानों को एक इंच जमीन वापस मिली नहीं है और न उन्हें मुआवजा लेने की इजाजत दी गयी है और वे राज्यसरकार से परिवर्तन के साढ़े चार साल बाद मुआवजा की मांग कर रहे हैं और परिवर्तन के सारे सिपाहसालार खामोश फासीवाद के हक में हैं।
फिल्म डिवीजन के लिए फिल्म बानाने वाले मित्रों के सौजन्य से,जिनके लिए मैंने पटकथा और संवाद लिखे हैं।
कानु गोपाल दास ने फिल्म डिवीजन के लिए कांडारी नाम से एक फिल्म हिंदुत्व के इस महायोद्धा पर बनायी थी।संपादन के दौरान हमने उसके रशेज और प्रीविउ देखी थी।
इस्लामी शासन ने रसखान की हत्या नहीं की लेकिन मौलवियों और पंडितों ने मिलकर इब्राहीम लोदी से कबीर के लिए सजाएमौत मांग ली।
फिर हम कबीर की हत्या कर रहे हैं क्योंकि हमने गांधी की हत्या की है।
संत तुकारमा की हत्या की है।
चैतन्य महाप्रभु की हत्या भी हमने की है और गुरु गोविंद सिंह को मरवाने वाले सत्ता में हैं।
आज मेरा मन बेहद कच्चा कच्चा है।
इच्छा होती है कि खूब रोउं।
नास्तिक जरुर हूं लेकिन जन्मजात हिंदू हूं।
न हमने धर्म परिवर्तन किया और न हिदुत्व से मुझे किसीने खारिज किया। सनातन हिंदू धर्म के इस लोकतंत्र के कारण ही मैं मनुस्मृति का नर्क और नस्ली रंगभेद के दुधारी तलवार से पल छिन पल छिन लहुलूहान हूं।
और मैं हिंदुत्व का इतिहास जानता हूं और भारत तीर्थ के तमाम साझा चूल्हों के साथ हूं।
हजारों साल से सनातन हिंदुत्व विशुद्ध रक्त,वेदिकी हिंसा,अश्वमेध और राजसूय,धर्म कर्म, बजरंगियों ,किसी संस्थागत परिवार,उसके हिंदुत्व के विभाजनकारी आत्मध्वंसी महागठबंधन और नरसंहार के एजंडे की वजह से बहाल नहीं है,बल्कि इन म्लेच्छों,अछूतों और विधर्मियों के त्याग ,बलिदान और सहिष्णुता और विविधता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और सभी संस्कृतियों,सभी मतों,उपासना पद्धतियों,देवदेवियों को आत्मसात करने की आंतरित शक्ति की वजह से बचा हुआ है हिंदुत्व।
हिंदुत्व बचा हुआ है तो पठानों के राजकाज में अंतर्निहित सहिष्णुता की वजह से,जोधा अकबर की वजह से,अवध में रामलीला करनेवाले मुसलमानों की वजह से,कवि रसखान की वजह से और औरंगजेब की वजह से भी,जो बेहतरीन प्रशासक है और उनके खिलाफ भोपाल गैस त्रासदी,बाबरी विध्वंस,हरित क्रांति,आपरेशन ब्लू स्टार,सिख संहार,गुजारात नरसंहार वगैरह वगैरह अपराध कर्म धर्म के नाम दर्ज हो तो कृपया दस्तावेज साझा करें।
हम तो अपढ़ हैं।गलती हो गयी तो तुरंत दुरुस्त कर दें।
उदार लोकतंत्र की यह धारा गौतम बुद्ध के बुद्धमय भारत में महायान से वज्रयान के तंत्र मंत्र कर्म कांड में सीमाबद्ध हो जाने के कारण बची नहीं और गौतम बुद्ध को भगवान बनाकर वैदिकी कर्मकांड अपनाकर हमारे ही पुरखों ने बौद्धमयभारत का अवसान करके फिर हिंदुत्व का नर्क अपना लिया।
सनातन हिदू धर्म ने भी गौतम बुद्ध के पंचशील को अपनाने की हरसंभव कोशिश की।
सत्य और अहिंसा,समता और न्याय यह गौतम बुद्ध का पथ है।
गांधी दर्शन है।
रवीद्र साहित्य है और बाबासाहेब का जाति उन्मूलन का एजंडा भी बुद्धमय है।
गोरक्षा आंदोलन नहीं,जीवों के प्रति करुणा का स्थाई भाव और अंहिंसा की वजह से वैदिकी यज्ञों में पशुबलि और मांसाहार की हिंसा का परित्याग किया हिंदुत्व ने।
वेदों,चार्वाक दर्शन के भौतिकवाद.जो साम्यवाद का प्राचीनतम आदार है और उपनिषदों की चर्चा होती नहीं है।
हम सिर्फ महाकाव्यों,पुराणों,स्मृतियों,मिथकों,शतपथ और ब्राह्मण तक हिंदुत्व को सीमाबद्ध करके बौद्धमय भारत के इतिहास को दोहरा रहे हैं।
हमने कल जारी वीडियो में इसपर सिलिलेवार चर्चा की है।
यह समय हिंदुत्व के अवसान का समय़ है,ग्लोबल हिंदुत्व का नहीं और हिंदुत्व के हत्यारे हैं हिंदुत्व के स्वयंभू झंडेवरदार जो इस बारत के हर विधर्मी,हर किसान,हर मेहनतकश,हर मजदूर,हर कर्मचारी,हर नागरिक के वध का उत्सव रचते हुए हर दूसरे इंसान को राष्ट्रद्रोही हिंदू विरोधी बता रहे हैं।
दरअसल वे ही,वे तमाम बजरंगी सबसे ज्यादा हिंदूविरोधी हैं।
आसमान के जगमगाते सितारों के बारे में हम अधपढ़ अपढ़ लोग कुछ खास कभी नहीं जानते।
हम जिनके पांव जमीन के अंदर कीचड़ पानी गोबर और आग में धंसे हैं,वे महान विभूतियों के कारनामों के बारे में कुछ भी नहीं जानते।
डा.अमर्त्य सेन ने कहा था कि वे गुजरात नरंसहार के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री बनते हुए देखना नहीं चाहते,अब दुनिया भर के कवि, साहित्यकार, इतिहासकार, वैज्ञानिक, कलाकार, फिल्मकार,छात्र युवा फासीवाद के खिलाफ जनपक्षधर मोर्चे पर लामबंद हो रहे हैं तो क्यों खामोश हैं डा.अमर्त्य सेन और दूसरे तमाम अर्थशास्त्री ,हमारी समझ से बाहर है।
इसीतरह निशांत,अंकुर,मंथन,चक्र जैसी फिल्मों के साथ नई लहर पैदा करने वाले फिल्म निर्देशक क्यों इस विरोध को बेमतलब समझते हैं,हमारी समझ में आने वाली बात कतई नहीं है।
It was the news in May,20o2 just after Babri mosque demolition! Yasin Pathan, who earned kudos for having saved more than 30 temples, and also playing as prominent role in defusing communal tension in the state, is now receiving threats from his own community. Pathan had been honoured with Kabir Samman in 1995 by the President of India for his daring efforts.
"I have been receiving threatening calls for the last few days threatening that I would be killed if I do not end my mission of protecting ancient temples", Pathan told M. V. Rao, District Magistrate, whom he met recently. Pathan proudly claims to have saved 24 temples from the ravages of the Kangsabati river.
INDIA: MUSLIM MAN DEVOTED TO RESTORING HINDU TEMPLES
The Hindu nationalist B-J-P has now taken the political helm of the world's largest democracy - India.
The party has always been unpopular with India's largest minority, the Muslims, who felt they would lose their voice if the B-J-P came to power.
One Muslim, however, has pushed politics aside, and for the last 27 years has devoted his energies to restoring Hindu temples.
Here in West Bengal - the landscape seems to be practically littered with Hindu temples.
Here in the Midnapore district there are 32 Hindu temples - all derelict.
Just 30 years ago there were 44.
Time, weather, neglect and mother nature have all taken their toll.
From time to time, a ceremony will be performed at a few of the barely serviceable temples - but the visits are few and far between.
Until, that is, Yasin Pathan came along.
Pathan is a devout Muslim and visits the village mosque regularly.
As well as holding down a full-time job as a handyman at his local school he also restores Hindu temples.
For the past 27 years countless numbers of Muslims and Hindus have made sure that Pathan knows they do not approve of his favourite pastime.
He says his work is not about politics or religion - it is about history.
An avid reader, Pathan has learnt much about the history of his village.
When he realised the community was over 1-thousand years old and much of the evidence of this was already lost - he set to work.
It has been a long struggle - but now he works with Hindus and Muslims on restoring the temples - probably not to their former glory - but at least make sure they stay intact.
SOUNDBITE: (Hindi)
"If the caste differences break out - then, nowadays, you can't make temples like these. They are building new temples, but the way they are built....the structures - the workers nowadays cannot make anything like this. This is what I mean. To preserve and save these structures, Hindus, Muslims, tribal people and Christians are needed to help."
SUPER CAPTION: Yasin Pathan, temple restorer
For many years his efforts went largely unrewarded.
But finally recognition came.
The President, the Prime Minister and the government's archaeologists all joined in acknowledging his achievements.
SOUNDBITE: (English)
"And he is trying to bring some sort of public awareness among the local people that there are buildings, which should be protected for the prosperity (of the community). Whether it belongs to Hindu religion or Muslim religion, religion doesn't play any role in front of the monuments. It hardly matters. So that is one of the reasons one should appreciate that contribution."
SUPER CAPTION: S. B. Ota, Senior Archaeologist, Government of India
With well over two dozen temples in various states of disrepair - it is unlikely Pathan will finish his task.
His 'unfinished symphony' doesn't seem to upset him, though.
SOUNDBITE: (Hindi)
"I hope that even if I am not here, you see people have to die some day - so if I die then I will be certain that I have done something good that the people will see."
SUPER CAPTION: Yasin Pathan, temple restorer
With work like this is a testament to his passion for history - it is unlikely India will forget Yasin Pathan
The Milli Gazette
Published Online: Jul 02, 2013
Print Issue: 16-31 October 2010
While the country was waiting for the Ayodhya verdict, a Muslim in West Bengal has made it his life's mission to protect a group of 30 medieval temples. Yasin Pathan of Patra village in West Midnapore is a peon at a local school, he devoted all his spare time, since 1971, to protect this cluster of 30 temples that are at least 300-years-old.
Pathan says that most Hindus, Muslims and Adivasis of the village want him to work with the temples. However, there are some Hindu and Muslim fundamental elements who say leave the temples alone, go away. But I have not succumbed.
Pathan's unique mission earned him the President's Kabir Award for communal harmony in 1994. Though, he's been diagnosed with cardiac trouble he has no money for treatment. However, nothing can take away his sense of achievement. In 2003, at Pathan's persuasion, the Archeological Survey of India took over the temples and recently sanctioned Rs. four and a half crores for his beloved monuments.
Author: From Our Correspondent
Publication: The Telegra
Date: April 20, 2002
Yasin Pathan, who has been awarded the Kabir Samman by the President for saving more than 30 temples and has played a major role in defusing communal tenson in the state, is receiving threats from the minority community.
Pathan met district magistrate M.V. Rao today and urged him to provide security. �I have been receiving threatening calls for the last few days threatening that I will be killed if I do not end my mission of protecting ancient temples,� he told Rao.
Pathan has saved 34 temples from the ravages of the Kangsabati river. Pathan was awarded the Kabir Samman in 1995 for his efforts. But this also led to some people turning against him.
Kazi Nazrul Islam: People's Poet - YouTube
https://www.youtube.com/watch?v=ptMOjrYeLSY
Jan 5, 2013 - Uploaded by Films Division
Director: K.G.Das Year: 1999 Kazi Nazrul Islam was a rebel poet of Bengal whose pen spat fire in the `twenties ...
konark Film - YouTube
www.youtube.com/watch?v=_63XyHqB2UM
Jul 11, 2011 - Uploaded by deepak basti
konark Film Konark— Producer: Films Division , Director: Hari. S. Das Gupta, Release: 1980 http ...
Poorna Swaraj, films division of India. - YouTube
www.youtube.com/watch?v=zkTKea-PljU
Mar 25, 2011 - Uploaded by dansara1
Poorna Swaraj, films division of India. dansara1. SubscribeSubscribed .... Deshabandhu Chitaranjan Das ...
Kathak (1970) - India Films Division Documentary - YouTube
www.youtube.com/watch?v=MNU_DNNPhC4
Dec 8, 2012 - Uploaded by kvammayi
"Produced by the Films Division, Government of India. .... Pt. Chitresh Das performs his legendary ...
Films division, india and other docu - YouTube
https://www.youtube.com/playlist?list=PL3BDDC260CDC56CAF
Aug 8, 2011 - Documentary by Films division, india and other. ... Ustad Alla Rakha - All India Radio Films Division Documentary. by RaagRasa. 12:19. Play next; Play now ..... by Vishnu Tattva Das Odissi Vilas. 8:40. Play next; Play now.
Pondit Ram Kanai Das Sylhet Division Bangla Folk Song ...
www.youtube.com/watch?v=0znrgLhmarA
Mar 3, 2015 - Uploaded by Tanjila Prianka
Song Folk Song Bangla Song Bangla Movie Song. ... Pondit Ram Kanai Das Sylhet Division Bangla ...
2nd SS Panzer Division Das Reich in Combat - YouTube
www.youtube.com/watch?v=T8ce3aLhRnM
Sep 8, 2011 - Uploaded by specops24th
The 2nd SS Das Reich Division- Der Fuhrer Germania Deutschland ... ""1944" Estonian World War 2 ...
Firaq Gorakhpuri - A Documentary - YouTube
www.youtube.com/watch?v=4z32SDnb_3g
Dec 16, 2012 - Uploaded by avinash das
A Film made by Films Division, GOI, in 1971 ... Commentary, written & spoken by Kaifi Azmi . ... avinash das ...
Ek Anek Ekta (1974) - YouTube
www.youtube.com/watch?v=R-tTOJ1RvUY
Jun 16, 2010 - Uploaded by 2nzanimation
This short film also has the distinction of being the most viewed and ... out to my sister or vice versa if the telltale ...
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