Friday, December 18, 2015

अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ को भारत के प्रसिद्ध अमर शहीद क्रांतिकारियों में गिना जाता है। देश की आज़ादी के लिए हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर करने वाले अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल पक्षधर थे। 'काकोरी कांड' के सिलसिले में 19 दिसम्बर, 1927 ई. को उन्हें फैजाबाद जेल में फाँसी पर चढ़ा दिया गया। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ ऐसे पहले मुस्लिम थे, जिन्हें षड्यंत्र के मामले में फाँसी की सज़ा हुई थी। उनका हृदय बड़ा विशाल और विचार बड़े उदार थे। हिन्दू-मुस्लिम एकता से सम्बन्धित संकीर्णता भरे भाव उनके हृदय में कभी नहीं आ पाये। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ आज ही के दिन शहीद हुए थे l अमर शहीद अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ को सलाम l


Gopal Rathi
अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ को भारत के प्रसिद्ध अमर शहीद क्रांतिकारियों में गिना जाता है। देश की आज़ादी के लिए हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर करने वाले अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल पक्षधर थे। 'काकोरी कांड' के सिलसिले में 19 दिसम्बर, 1927 ई. को उन्हें फैजाबाद जेल में फाँसी पर चढ़ा दिया गया। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ ऐसे पहले मुस्लिम थे, जिन्हें षड्यंत्र के मामले में फाँसी की सज़ा हुई थी। उनका हृदय बड़ा विशाल और विचार बड़े उदार थे। हिन्दू-मुस्लिम एकता से सम्बन्धित संकीर्णता भरे भाव उनके हृदय में कभी नहीं आ पाये। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ आज ही के दिन शहीद हुए थे l अमर शहीद अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ को सलाम l

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