Thursday, December 17, 2015

गुरुवचनःहमारे नेताओं की मेहरबानी से आजादी के बाद से ही देश में भ्रष्टाचार का जो मायाजाल फ़ैला है उसमें स्वस्थ से स्वस्थ आचरण वाले अधिकारी को भी नारद मोह होना स्वभाविक है. अधिकारी और कर्मचारी तो साईफन हैं ड्रम तो नेता जी हैं यह अवश्य है कि यह साईफन आधा खुद भी सोख लेता है. राजेंद्र कुमार तो एक बवाली की संगति में पिस गये. नहीँ तो महा राजेंद्र कुमार तो अपने सात पुश्तों का आराम करने के साथ साथ ईमानदारी के लिए पुरस्कृत हो रहे हैं जो खेमका और संजीव चतुर्वेदी की तरह के गिने चुने सिरफिरे हैं उन्हे अन्य कर्मधचारियों को सत्यनिष्ठा की छूत लगने की आशंका से ऐसी जगह फैंक दिया गया है जहाँ वे सीता वनवास का जीवंत अनुभव कर रहें हैं खेमका जी पुरातत्व की धूल झाड़ रहे हैं और संजीव चतुर्वेदी कॉमा में समझ लिए गये हैं फिर कहते हो भाजपा देश के लिए मर मिटने वाली पार्टी है मुझे तो लगता है कि काग रेस हो या गिद्ध रेस या कोई और राजनीतिक दल सब बिच्छू की औलाद हैं जो अपनी जन्मदात्री को ही खा जाते हैं

TaraChandra Tripathi

गुरुवचनःहमारे नेताओं की मेहरबानी से आजादी के बाद से ही देश में भ्रष्टाचार का जो मायाजाल फ़ैला है उसमें स्वस्थ से स्वस्थ आचरण वाले अधिकारी को भी नारद मोह होना स्वभाविक है. अधिकारी और कर्मचारी तो साईफन हैं ड्रम तो नेता जी हैं यह अवश्य है कि यह साईफन आधा खुद भी सोख लेता है. राजेंद्र कुमार तो एक बवाली की संगति में पिस गये. नहीँ तो महा राजेंद्र कुमार तो अपने सात पुश्तों का आराम करने के साथ साथ ईमानदारी के लिए पुरस्कृत हो रहे हैं जो खेमका और संजीव चतुर्वेदी की तरह के गिने चुने सिरफिरे हैं उन्हे अन्य कर्मधचारियों को सत्यनिष्ठा की छूत लगने की आशंका से ऐसी जगह फैंक दिया गया है जहाँ वे सीता वनवास का जीवंत अनुभव कर रहें हैं खेमका जी पुरातत्व की धूल झाड़ रहे हैं और संजीव चतुर्वेदी कॉमा में समझ लिए गये हैं फिर कहते हो भाजपा देश के लिए मर मिटने वाली पार्टी है मुझे तो लगता है कि काग रेस हो या गिद्ध रेस या कोई और राजनीतिक दल सब बिच्छू की औलाद हैं जो अपनी जन्मदात्री को ही खा जाते हैं
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