Thursday, December 17, 2015

विष्णुचंद्र शर्मा:तीन कविताएँ

तीन कविताएँ :
1.संसद समाचार
-----------------
जनता पूछ रही है : 
गाँधी को मरे कितने साल हुए !
सांसद बता रहे हैं : सड़ी हुई गाँधी की लाश
अभी तक लटक रही है संसद में !
2. विरोध
---------
रेत पर मैं
धूप की चटाई बुन रहा हूँ
संसद में
दिन के उजाले में सांसदों का
दम घुट रहा है !
3. कारीगर
-------- ----
ढाका की
बारीक चादर मुझे
सूरज ने
दी है अभी |
संसद के बाहर
सूर्य!
हाथ कटे
कारीगरों का
बयान
लिख रहा है !
- विष्णुचंद्र शर्मा

No comments:

Post a Comment