Thursday, December 10, 2015

Uday Prakash यह एक 'ड्रोन' कार थी। इसे कोई भी नहीं चला रहा था। जो भी मरा, वह 'कोलेटरल डैमेज' था। जैसे हम सब वही ' डैमेज' हैं। सलाम नूरुल सईद ! (मान जाइये दोस्तो, इस देश को अब गूगल, फ़ेसबुक, बॉलीवुड, रेडियो और विज्ञापन चला रहा है। )

Indresh Maikhuri 

घटनाएँ,तारीखें कभी-कभी इतना गड्डमड्ड हो जाती हैं कि समझ नहीं आता कि इन्हें कैसे देखें.कल और आज के बीच भी कुछ ऐसा ही हुआ.आज अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस है और आज की तारीख पर सलमान खान को एक व्यक्ति को कुचलने के आरोप से बरी कर दिया गया है.अलबत्ता न्याय की मूर्ती ने यह नहीं बताया कि जो गाडी के नीचे कुचला गया,यदि उसे सलमान ने नहीं कुचला तो फिर किस ने कुचला.दूसरी तरफ कल दिल्ली में छात्र-छात्रों ने दौड़ा-दौड़ा कर,भिगा-भिगा कर पीटा.इनको घसीटे जाने,पीटे जाने और लहुलुहान होने के फोटो देख कर लगा कि ये एक आदमी को अपनी गाडी के नीचे कुचल कर मार डालने वाले सलमान खान के मुकाबले कहीं ज्यादा दुर्दांत अपराधी रहे होंगे.कानून व्यवस्था को एक गरीब फुटपाथ पर सोने वाले के मारे जाने से उतना ख़तरा नहीं हुआ होगा,जितना इन छात्र-छात्राओं से रहा होगा तभी तो कानून की रक्षक पुलिस ने इन्हें जमकर पीटा.कमबख्त शिक्षा को बेचने में रोड़ा पैदा कर रहे हैं.जिस समय देश और उसके संसाधनों को बेचना देशभक्ति है,ऐसे समय में उन्हें बेचने में अडंगा पैदा करने से बड़ा देशद्रोही कृत्य और हो भी क्या सकता है?
कानून की निगाह में सब समान हैं.इसलिए गरीब,दलित चाहे मुम्बई की सड़कों पर कार के नीचे कुचला जाए या फिर लक्ष्मनपुर बाथे,बथानी टोला में सामंती सेनाओं के हाथों क़त्ल हो, मारने वालों को निर्दोष पाने में ही न्याय की समानता है
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Uday Prakash
यह एक 'ड्रोन' कार थी। इसे कोई भी नहीं चला रहा था। जो भी मरा, वह 'कोलेटरल डैमेज' था।
जैसे हम सब वही ' डैमेज' हैं।
सलाम नूरुल सईद !
(मान जाइये दोस्तो, इस देश को अब गूगल, फ़ेसबुक, बॉलीवुड, रेडियो और विज्ञापन चला रहा है। )

Comments
रा. रं. दरवेश हा हा हा। साथ पतंग उड़ाने का कुछ तो फायदा मिलेगा!!
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Neeraj Kumar Neer इस आदेश को पचाना थोडा मुश्किल अवश्य है पर क्या भारत की न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है? क्या न्यायपालिका के चरित्र पर संदेह किया जा रहा है ?
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Kanak Tiwari किसने कहा अदालतें साफ़ पाक बच गई हैं। ४५ साल से (सफल) वकालत में यह भयानक दृश्य देख रहा हूँ।
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Palash Biswas
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Uday Prakash smile emoticon आपने एक तथ्य पर ग़ौर किया, दोस्तो ? आसाराम बापू के पाँच चश्मदीद गवाह थे। कोई नहीं बचा।
इस मामले में एक कम, चार चश्मदीद थे। कोई नहीं बचा।
अब व्यापमं की बात उठाना जान की क़ीमत माँगेगा। ...See More
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रा. रं. दरवेश @Neeraj Kumar neer...आपके शब्दों पर झूमने का दिल कर रहा है!!!!.
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Anil Khamparia ( कुछ लोगों के लिये ) जोड़ा जाये
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Sandeep Baslas जिसके घर का कोई जाता है

उससे पूछो...See More
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Sandeep Baslas चलो सलमान ने नहीं मारा

तो ...See More
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Kanak Tiwari फ़ैसले का यह ऐलान आकाशवाणी के मन की बात है ।
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Nikhil Pande सहीं कहा लेकिन अब क्या करे लौटने के लिए कोई अवार्ड भी नहीं बचे लगता. पर इसी न्यायसे राहुल - सोनिया के मन में आशा की किरण जागनी चाहिए...उन्होंने तो किसीको जान से भी नहीं मारा.
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Yogesh Jadon सलमान के बाप सलीम जब सहिष्णुता पर मोदी सरकार का पक्ष ले रहे थे, बात तभी समझ में आ रही थी
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Manish Chiranjiv Read Somwhere- "सलमान बरी हुए क्योंकि वो मोदी के साथ है और अगर सज़ा हुई तो इसलिए हुई क्योंकि वो मुसलमान है। चित भी मेरा पट भी मेरा सिक्का मेरे बाप का।"
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Bodhisatwa Chatterjee Thik kaha Uday Prakash ji,alag,alag jhande wale prashasanik car se roz hazaron logon ka safaya kar rahe hayn,unki tulna me sach puchha jay to Salman ne to kuchh bhi nahi kiya.Ye bat alag hay,ham bewkuf unhi hatyaron ko Har bar Bharat car ki stirring unhi ke hath soump dete hayn.See Translation
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Kamalakar Payas सही बात है सर जी
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Pushpa Tiwari इस पूरी घटना का सच कभी सामने नहीं आ पाएगा । लोग भूल जाएँगे । लोग कहते रहेंगे लिखते रहेंगे जवाब मिलेगा नहीं क्योंकि जवाबदेही है किसकी । सब एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए बचते रहेंगे । यह मुझे समझ नहीं आ रहा कि मृतक के परिवार को किसकी तरफ से मुआवजा मिलेगा
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Palash Biswas इस मंडल कमंडल महाभारत में
आदिवासी किस खेत की मूली हैं?
इंसानियत के हक हकूक क्या गाजर मूली हैं?
लो,रस्म अदायगी हो गयी,रंगीन वेषभूषा में नाचा गाना फोटो सेशन सेल्फी!
अब क्या चाहिए जल जंगल जमीन?पुनर्वास?या जिंदगी?
http://letmespeakhuman.blogspot.in/2015/12/blog-post_10.html


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