Friday, January 29, 2016

गोरख पांडेय ने आज ही के दिन आत्महत्या कर ली थी. मेरी उनसे दो लम्बी मुलाक़ातें थीं जिनमें से आखिरी मुलाक़ात (शायद 1987) उनकी बिगडी स्कीज़ोफ़्रेनिक अवस्था में थी. हम उनके जेएनयू के कमरे में ही टिके थे जिस कमरे की दीवारों पर औरतों की बेशुमार तस्वीरें लगी थीं. वो दुनिया की सभी औरतों के एक होने की बहकी बहकी बात कर रहे थे. यह भी याद है कि उनके हैल्यूसिनेशन्स में गुरुशरण सिंह और सुधा चंद्रन भी थे.शायद मेरी वह डायरी कहीं पडी दीमकों का चारा बन रही होगी जिसमें गोरखजी की आखिरी स्मृतियां दर्ज हैं. वे एक ज़हीन इंसान थे और उनके भोजपुरी गीत बेमिसाल हैं. हालांकि शायर की तुलना में उनका गीतकार और दार्शनिक मुझे अधिक भाता है. बदक़िस्मती ये है कि जनसंस्कृति मंच की जैसी संकल्पना उन्हों ने की थी वो आज तक पूरी नहीं हो पाई है. फ़िलहाल यहां उनकी एक ग़ज़ल उनकी ही आवाज़ में जारी कर रहा हूं. "कैसे अपने दिल को मनाऊं मैं कैसे कह दूं कि तुझसे प्यार है, तू सितम की अपनी मिसाल है, तेरी जीत में मेरी हार है..." (sketch courtesy Ajay Jaitly) https://soundcloud.com/user-142805851-…/gorakh-pandey-ghazal "कैसे अपने दिल को मनाऊं मैं कैसे कह दूं कि तुझसे प्यार है, तू सितम की अपनी मिसाल है, तेरी जीत में मेरी हार है..."

गोरख पांडेय ने आज ही के दिन आत्महत्या कर ली थी. मेरी उनसे दो लम्बी मुलाक़ातें थीं जिनमें से आखिरी मुलाक़ात (शायद 1987) उनकी बिगडी स्कीज़ोफ़्रेनिक अवस्था में थी. हम उनके जेएनयू के कमरे में ही टिके थे जिस कमरे की दीवारों पर औरतों की बेशुमार तस्वीरें लगी थीं. वो दुनिया की सभी औरतों के एक होने की बहकी बहकी बात कर रहे थे. यह भी याद है कि उनके हैल्यूसिनेशन्स में गुरुशरण सिंह और सुधा चंद्रन भी थे.शायद मेरी वह डायरी कहीं पडी दीमकों का चारा बन रही होगी जिसमें गोरखजी की आखिरी स्मृतियां दर्ज हैं. वे एक ज़हीन इंसान थे और उनके भोजपुरी गीत बेमिसाल हैं. हालांकि शायर की तुलना में उनका गीतकार और दार्शनिक मुझे अधिक भाता है. बदक़िस्मती ये है कि जनसंस्कृति मंच की जैसी संकल्पना उन्हों ने की थी वो आज तक पूरी नहीं हो पाई है.
फ़िलहाल यहां उनकी एक ग़ज़ल उनकी ही आवाज़ में जारी कर रहा हूं.
"कैसे अपने दिल को मनाऊं मैं कैसे कह दूं कि तुझसे प्यार है,
तू सितम की अपनी मिसाल है, तेरी जीत में मेरी हार है..."
(sketch courtesy Ajay Jaitly)
https://soundcloud.com/user-142805851-…/gorakh-pandey-ghazal
"कैसे अपने दिल को मनाऊं मैं कैसे कह दूं कि तुझसे प्यार है,
तू सितम की अपनी मिसाल है, तेरी जीत में मेरी हार है..."
Gorakh Pandey was a revolutionary poet, scholar and activist. Died in late eighties.
SOUNDCLOUD.COM|BY USER-142805851-388941123

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