RSS प्रायोजित इस अघोषित आपातकाल के भयानक नतीजे सामने आने वाले हैं।
|RSS संघियों के इशारे पर लाठी बरसाने वाली पुलिस
पहली तस्वीर में जो व्यक्ति पिट रहा है उसने रोहित की सांस्थानिक हत्या के मसले पर आवाज़ उठाने का अपराध किया है, लेकिन जो बंदा उसे पीट रहा है वह कौन है? यह सवाल इस तस्वीर को हम तक पहुँचाने वाले फ़ोटोजर्नलिस्ट मित्र Vikas Kumar ने भी किया है। अगर यह व्यक्ति RSS संघ का कार्यकर्ता है तो उसे किस लोकतंत्र में सज़ा दी जाएगी? वर्तमान लोकतंत्र में तो ऐसा होने की कोई उम्मीद नहीं है।
दूसरी तस्वीर में संघियों के इशारे पर लाठी बरसाने वाली पुलिस की वीरता दिख रही है।
तीसरी तस्वीर में साथी Chandrika Bgl की चोट दिख रही है। पास की दलित बस्ती के एक डॉक्टर ने मरहम-पट्टी तो कर दी लेकिन दर्जनों घायलों का इलाज करने की हड़बड़ी में ऊपर वाली चोट डॉक्टर को दिखी ही नहीं।
कल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय के सामने जो कुछ हुआ उसकी अनदेखी न करें। यह आने वाले समय के बदतर होने का बहुत बड़ा संकेत है। सरकार ने विरोध के लोकतांत्रिक तरीकों पर भी अघोषित पाबंदी लगा दी है। इस अघोषित आपातकाल के भयानक नतीजे सामने आने वाले हैं।
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