Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna
एक निशस्त्र , वृद्ध और प्रार्थना को जा रहे वैष्णव पर गोली दागने वाला व्यक्ति किस धातु से बनता होगा । अब समझ में आया कि गाय का वध करने वाला कसाई कैसा होता होगा ।
अब नया शगूफा यह कि कोर्ट में गोडसे का बयान सुन कई लोग भावुक होकर रो पड़े । वह अपने वक्तव्य और कृत्य पर अडिग रहा । गोली मारने के बाद वह वहीं खड़ा रहा ।सचाई -
प्रार्थना करने जा रहे निहत्थे बूढ़े वैष्णव पर गोली दाग कर वह कायर भाग खड़ा हुआ । वहां उपस्थित ज़्यादातर लोग गांधी को सम्भालने लपके , लेकिन कुछ हत्यारे के पीछे भी भागे । कुछ देर की भागम भाग के बाद उसे उत्तराखण्ड के चमोली ( तब पौड़ी) ज़िले के निवासी एक होम गार्ड ने बिड़ला हाउस की फुलवारी के पास दबोच लिया । गांधी अपने अगल बगल हथियार बन्द सुरक्षा के सख्त खिलाफ थे । भीड़ नियंत्रण के लिए , उनकी जानकारी में लाये बगैर , वहां एक होम गार्ड का जवान तैनात किया गया , जिसके पास मात्र एक सीटी होती थी । हत्यारे को भीड़ से बचाने के लिए तुरन्त छुपा दिया गया । लोग उसके खून के प्यासे हुए जा रहे थे । अदालती कार्रवाई के दौरान भी आक्रोशित भीड़ से बचाने हेतु उसे सहेज कर रखा जाता था । हत्या के तुरन्त बाद संघ परिवार ने अफवाह फैलाई कि गांधी को एक मुसलमान ने मारा है । इससे मुसलमानों की जान पर बन आई । मुम्बई में तो दंगा शुरू हो ही गया था । मौके की नज़ाक़त भांप प्रीमियर नेहरू ने रेडियो पर लाइव प्रसारण किया कि गांधी को एक पागल हिन्दू ने मारा है । उनके इस प्रसारण में कुछ मिनट भी देरी हुयी होती तो हज़ारो , शायद लाखों भी , मुसलमान , इस पृथ्वी से कम होने वाले थे ।
( स्रोत- सम्पूर्ण गांधी वांग्मय , गांधी के पुत्र देवदास , लेखक सआदत हसन मन्टो और लुइस फिशर के लेखन )
फलती जाय दरवेश की दौलत
धूनी , चिमटा और भभूत
धूनी , चिमटा और भभूत
निसन्देह , एक सवाल मुझे भी सालता है । 1918 के बाद से गांधी जी हमेशा बकरी का दूध बरतते रहे हैं । बकरी सदैव उन्ही के साथ रहती थी । यहां तक कि गोल मेज़ सम्मेलन में लन्दन भी मोहतरमा बकरी साथ गयी थीं , और ब्रिटिश नौ सेनाध्यक्ष एडमिरल स्लेड की गांधी भक्तिन पुत्री मीरा उस बकरी की डोर पकड़े आगे आगे चल रही थीं । बकरी हमेशा दूध देती थी , तो गाभिन भी होती होगी । उसे कौन बकरा गाभिन करने की गुस्ताख़ी करता होगा , जबकि गांधी जी अपने आश्रम में सेक्स को प्रतिवन्धित कर रखे थे । वह स्वयं भी 35 वर्ष की उम्र में ब्रह्मचर्य व्रत ले चुके थे । उनका पुत्र मणी लाल एक युवती के साथ झरने में स्नान करता पकड़ा गया , तो गांधी ने उसे 35 वर्ष तक ब्रह्मचारी रहने की कठिन सज़ा सुनाई , जिसका पालन भी हुआ । ऐसे कठोर ब्रह्मचर्य व्रती के सान्निध्य में बकरी की सेक्स लाइफ कैसे चलती होगी । सुधी जन ज्ञानवर्धन करें ।
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