कानपुर।भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि मोदी सरकार में राममंदिर निर्माण होगा। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में पक्षकार बनाकर सही किया है। अब सोमवार को एक याचिका दाखिल होगी।सुप्रीम कोर्ट में रोज सुनवाई के लिए कहा जाएगा, जिससे एक महीने में ही फैसला आ जाएगा। नवाज शरीफ से दोस्ती चाय पीने तक ही है। पाकिस्तान में नवाज शरीफ की नहीं आईएसआई, फौज, तालिबान और अलकायदा की चलती है।वे शनिवार को वीएसएसडी कॉलेज में वैश्विक आतंकवाद विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।उन्होंने कहा, जेएनयू में देशद्रोही घटनाएं होना शर्मनाक है। जेएनयू का नाम जवाहरलाल नेहरू के नाम से नहीं होना चाहिए। उन्होंने नेहरू को अनपढ़ बताया और कहा कि जेएनयू का नाम सुभाष चंद्र बोस के नाम से हो। जेएनयू के राष्ट्रवादी विद्यार्थियों में साहस पैदा किया जाएगा।
स्वामी ने आरोप लगाया कि नेहरू-गांधी परिवार में कोई कॉलेज पास नहीं कर पाया। सोनिया गांधी की डिग्री भी फर्जी निकली थी। जवाहरलाल नेहरू कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में फेल हो गए थे।उन्होने कहा कि हिंदू, मुसलमान, ब्राह्मण और शूद्र का डीएनए एक है। सभी के पूर्वज हिंदू थे। मौजूदा समय में मुसलमानों को भी साथ लेकर चलने की जरूरत है। आतंकवाद को खत्म करने के लिए देश में हथियार और सेना से ज्यादा मंशा की जरूरत है।
अगले साल बनेगा अपना राष्ट्रपति
स्वामी ने कहा जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाई जाएगी। इसके लिए मोदी सरकार को कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर राष्ट्रपति को भेजना है।यह राष्ट्रपति पास करें तो ठीक वरना अगले साल अपना राष्ट्रपति बन जाएगा। उन्होंने कश्मीर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों को बसाने की जरूरत बताई।डॉ. स्वामी ने जीएसटी पर पूछे गए सवाल पर कहा कि कहा बजट सत्र शुरू होने वाला है। जीएसटी बिल पास हो या न हो सरकार को आत्मसम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए। सबसे ज्यादा जरूरी है कि केंद्र सरकार इन्कम टैक्स को खत्म कर दे। देश की आर्थिक नीतियों के लिए यह ज्यादा आवश्यक है।
आतंक के खिलाफ रखे विचार
वीएसएसडी कॉलेज में इतिहास विभाग की ओर से वैश्विक आतंकवाद विषय पर हुए नेशनल सेमिनार में सुब्रमण्यम स्वामी के अलावा सांसद देवेंद्र सिंह भोले, जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी महेंद्र सब्बरवाल ने विचार रखे।वक्ताओं ने आतंकवाद की समस्या का समाधान खोजने के लिए मंथन करने पर जोर दिया। इसमें पूर्व सांसद ईश्वरचंद्र गुप्ता, तमिलनाडु के प्रोफेसर डॉ. के मधुसूदन, जम्मू यूनिवर्सिटी के एकेडमिक कोआर्डिनेटर डॉ. कुलजीत सिंह, प्राचार्य डॉ. एएस भटनागर समेत वक्ताओं ने विचार रखे।
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