डॉ. बसु का भारतीय रिजर्व बैंक की सर्वप्रभुता के संबंध में कही गई बात बिल्कुल सही है। यदि पिछले पांच साल का ही उदाहरण लें तो स्पष्ट है कि पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम् तथा वर्तमान वित्तमंत्री अरुण भरसक प्रयास के बावजूद रिजर्व बैंक के ब्याज दरें कम करवाने में असफल रहे। रिजर्व बैंक ने सभी निर्णय अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद स्वयं लिए। जबकि चीन में वहां का केन्द्रीय भी प्रभुता-सम्पन्न होने के बावजूद वहां की केन्द्रीय सरकार की सलाह पर काम करते देखा गया है। आग...
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