Tuesday, January 5, 2016

लोग अपने-आप को ख़ुद ही पंडित और उस्ताद घोषित कर रहे हैं- शुभा मुद्गल भाषा का राजनीतिकरण होने से बोलियाँ ख़त्म हो रही हैं- मृणाल पाण्डे.... मृणाल पाण्डे की कृति…

भाषा का राजनीतिकरण होने से बोलियाँ ख़त्म हो रही हैं- मृणाल पाण्डे.... मृणाल पाण्डे की कृति…
WWW.HASTAKSHEP.COM|BY AMALENDU UPADHYAYA

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