दो दिन से पठानकोट एयरबेस में गोलीबारी चल रही है लेकिन आप देख सकते हैं कि गृहमंत्री का असम दौरा रद्द नहीं होता है। बेंगलुरु जाकर प्रधानमंत्री योग पर लेक्चर देते हैं। सबका ज़रूरी काम जारी है। टीवी पर इनके इधर उधर से बाइट आ जाते हैं। उन्हें सुनकर तो नहीं लगता कि कोई गंभीर घटना हुई है। बस नाकाम कर दिया और जवाब दे दिया। क्या नाकाम कर दिया? दो दिनों से वे हमारे सबसे सुरक्षित गढ़ में घुसे हुए हैं। हम ठीक से बता नहीं पाते कि पांच आतंकवादी शनिवार को मारे गए या रविवार को पांचवा मारा गया। ख़ुफ़िया जानकारी के दावे के बाद भी वो एयरबेस में कैसे घुस आए?
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