Wednesday, January 6, 2016

अस्पृश्यों का 'विद्रोह' और उनके दमन के हिंदूवादी 'तर्क': बाबासाहेब की नज़र से

“यदि आप किसी हिन्दू से पूछेंगे कि वह ऐसा बर्बर व्यवहार क्यूँ करता है?….वह कहेगा, अस्पृश्यों के जिस प्रयास को आप सुधार कहते हैं, वह सुधार नहीं है. वह हमारे धर्म का घोर अपमान है.” भारत के सामाजिक व्यवस्था के अध्ययन और अपने अनुभव के आधार पर बाबासाहेब ने…

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