Let me speak human!All about humanity,Green and rights to sustain the Nature.It is live.
Tuesday, January 5, 2016
क्या बिडम्बना है कि पाकिस्तान की ओर से कोई आतंकी हमला होने पर भारतीय मुस्लिम बढ़ चढ़ कर , अपने बाक़ी काम छोड़ कर , नेट पैक खत्म हो तो उधार डलवा कर हमले की निंदा में जुट जाते हैं । शेष भारतीयों की सुविधा और विवेक पर निर्भर है कि वह चाहे निंदा करें या न करें । लेकिन मुसलमान के लिए हर हमले के बाद , ख़ुद को पाकिस्तान परस्त होने की तोहमत से बचाने के लिए यह " गंगा स्नान " आवश्यक है । पटना में मेरे पड़ोसी एक अधेड़ मियां जी अपनी जवान बीबी के संग रहते थे । बीबी के लिए यह ज़रूरी था कि वह घर के सहन में आने वाले दूधिया , माली या स्वीपर की ओर देख थूके । न थूकती , तो पिटती थी । बड़े मियां अपनी रात की नाकामी का नज़ला यूँ गिराते थे ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment