आप कब तक जाति के खिलाफ लिखते रहेंगे? थके नहीं?
आप ढाई हजार साल से जातिवाद कर रहे हैं. जब आप नहीं थके, तो हमने तो अभी लिखना सीखा ही है.अभी से घबरा गए?
दोस्त Rahil Hasi आगे जोड़ते है़:
अपना ही साया देख के तुम,
जाने जहां शरमा गये,
अभी तो ये पहली मंजिल थी,
तुम तो अभी से घबरा गए.
जाने जहां शरमा गये,
अभी तो ये पहली मंजिल थी,
तुम तो अभी से घबरा गए.
जय भीम!
No comments:
Post a Comment