15 साल पहले 15 मिनट की बातचीत के बाद छह छात्रों से आडवाणी ने हटवा दिया था देशद्रोह का आरोप
सीतराम येचुरी बोले- इंदिरा गांधी को थी ‘दुर्गा’ कहे जाने पर आपत्ति, क्योंकि दलित महिषासुर को
पूजते हैं
येचुरी ने जैसे ही यह बात कही, लीडर ऑफ हाउस अरुण जेटली खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि
इनकी
एक-एक बात को रिकॉर्ड पर लिया जाएं।
देशद्रोह के आरोपों का सामना कर चुके ये लोग मानते हैं कि जेएनयू विवाद में फंसे उमर खालिद और कन्हैया कुमार की स्थिति ज्यादा गंभीर इसलिए है, क्योंकि सरकार इनके खिलाफ एक्शन को बिल्कुल सही ठहरा रही है, जबकि 2001 में जब एनडीए की सरकार थी, तब तत्कालीन गृह मंत्री एलके आडवाणी के कहने पर महज दो हफ्ते में छात्रों पर से देशद्रोह का आरोप वापस ले लिया था। आडवाणी ने डीयू के तत्कालीन वाइस चांसलर दीपक नैयर के साथ सिर्फ 15 मिनट बातचीत की थी, जिसके बाद आरोप वापस ले लिए गए थे। इन छात्रों को करीब 10 दिन तिहाड़ जेल में बिताने पड़े थे। 32 साल के शाहजाद आलम ने कहा, ‘हम लोग सौभाग्यशाली इसलिए भी थे, क्योंकि उस वक्त मीडिया कोई प्रोपेगेंडा नहीं चला रहा था। जैसा कि कन्हैया और उमर खालिद के साथ हो रहा है।’
No comments:
Post a Comment