Pramod Ranjan
यह रही 26 अक्टूबर, 2015 को देश के विभिन्न हिस्सों मनाये गये महिषासुर दिवस की तस्वीरें। बाप रे, कितने द्रेशद्रोही हैं इस देश में!
पिछले साल 350 जगहों पर आदिवासियों, पिछडों और दलित ने अपने पुरखा को याद किया था।
Pramod Ranjan added 58 new photos to the album: महिषासुर शहादत दिवस, 2015 — with Abhinandan Kumar.
29.10.2015
भाई सुनील कुमार सुमन के फेसबुक वॉल से लेकर कुछ और तस्वीरें इस एलबम में जोड रहा हूं।
भाई सुनील कुमार सुमन के फेसबुक वॉल से लेकर कुछ और तस्वीरें इस एलबम में जोड रहा हूं।
उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है : ''समानांतर बहुजन संस्कृति के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मिथकों और इतिहास की पुनर्व्याख्या गति पकड़ने लगी है। अंधविश्वास और गुलामी के प्रतीकों को पहचाने जाने लगा है..प्रेरणा के कारकों को अपनाए जाने लगा है। सच में अब समय बदल रहा है। इस वर्ष दशहरे के दौरान देश के कई भागों में, खासकर विदर्भ, छतीसगढ़, मप्र, ऊप्र, यहाँ तक कि राजस्थान और हरियाणा में भी रावण-महिषासुर की पूजा की गई और उनकी शहादत को याद किया गया। एक नई बात यह हुई कि इस बार से राम के पुतले जलाने की आवृत्ति ज्यादा देखने को मिली। बच्चों ने इसमें उत्साह के साथ भाग लिया। मठों-गढ़ों और बहुजन समाज के लिए अपमानजनक परंपराओं को ख़त्म करना ही होगा। ख़तरे उठाने ही होंगे।'' - Sunil Kumar 'suman'
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खाली करो मंच कि पुरखा लड़ाके आते हैं ...
महिषाुसर की शहादत को जोहार.
महिषाुसर की शहादत को जोहार.
देशभर में महिषासुर शहादत के आयोजन हुए. विशेषकर बंगाल के उन इलाकों में जहां संताल आदिवासियों की संख्या ज्यादा है. खबर है कि सिर्फ बंगाल में इस साल 170 जगहों पर महिषासुर की याद में लोग बड़ी संख्या में जुटे. जहां उन्होंने परंपरागत ढंग से शोक मनाया और महिषासुर की शहादत को नमन भी किया। - Ak Pankaj
इसके अतिरिक्त उत्तर भारत के विभिन्न शहरों-कस्बों में अन्य पिछडा वर्गों के द्वारा भी महिषासुर शहादत दिवस मनाये जाने की सूचनाएं मिल रही हैं।
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