Tuesday, February 2, 2016

प्रख्यात उर्दू कथाकार इन्तिज़ार हुसैन साहब का आज इन्तकाल हो गया। 92 वर्षीय इन्तिजार हुसैन साहब का जन्म ७ दिसंबर १९२३ को बुलन्दशहर के पास दिबाई गाँव में हुआ था। १९४४ में आपने कहानियाँ लिखनाशुरू कर दिया। फिर 1946 में मेरठ यूनिवर्सिटी से उर्दू में एम०ए० किया। बँटवारे के वक़्त आप भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। बस्ती, हिन्दुस्तान से आख़िरी ख़त, आगे समन्दर है, शहर-ए-अफ़सोस, वो जो खो गए आदि इनकी प्रमुख क़िताबें हैं। इनकी देवनागरी में इण्टरनेट पर एक ही कहानी उपलब्ध है - हिन्दुस्तान से आख़िरी ख़त।




प्रख्यात उर्दू कथाकार इन्तिज़ार हुसैन साहब का आज इन्तकाल हो गया। 92 वर्षीय इन्तिजार हुसैन साहब का जन्म ७ दिसंबर १९२३ को बुलन्दशहर के पास दिबाई गाँव में हुआ था। १९४४ में आपने कहानियाँ लिखनाशुरू कर दिया। फिर 1946 में मेरठ यूनिवर्सिटी से उर्दू में एम०ए० किया। बँटवारे के वक़्त आप भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। बस्ती, हिन्दुस्तान से आख़िरी ख़त, आगे समन्दर है, शहर-ए-अफ़सोस, वो जो खो गए आदि इनकी प्रमुख क़िताबें हैं। इनकी देवनागरी में इण्टरनेट पर एक ही कहानी उपलब्ध है - हिन्दुस्तान से आख़िरी ख़त। उसका लिंक यह रहा -- http://www.abhivyakti-hindi.org/…/…/hindostan/hindostan1.htm

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