Sunday, February 21, 2016

ये सोनी सोरी हैं. ये ‪#‎भारतमाता‬ नही हैं. ये ‪#‎आदिवासीमाता‬ हैं. भारतमाता की जय बोलना राष्ट्रधर्म है किन्तु आदिवासी माता के यौनांगों में पत्थर घुसेड़ देना उससे भी बड़ा राष्ट्रधर्म है.


Sudhir Ambedkar
ये सोनी सोरी हैं. ये ‪#‎भारतमाता‬ नही हैं. ये ‪#‎आदिवासीमाता‬ हैं. भारतमाता की जय बोलना राष्ट्रधर्म है किन्तु आदिवासी माता के यौनांगों में पत्थर घुसेड़ देना उससे भी बड़ा राष्ट्रधर्म है.
आइये दोस्तों, हिंदी में बात करते हैं. वैसे भी, बात जब राष्ट्र की हो तो हिंदी में ही करनी चाहिए.
तो दोस्तों, ये सोनी सोरी हैं. छत्तीसगढ़ के दांतेवाडा जिले में एक स्कूल टीचर हैं. किन्तु, आज पूरे देश की पुलिस इन्हें पहचानती है. छत्तीसगढ़ की पुलिस इनकी जान की दुश्मन है. ऐसा क्यों?? 
बात 2011 की है. अक्टूबर की. इस आदिवासी माता पर इलज़ाम था कि वे नक्सलियों को सूचनाएं उपलब्ध कराती हैं. आरोप सरासर झूठा था. पुलिस इन्हें किसी तरह निपटाना चाहती थी. सोनी सोरी उस समय जान बचाकर दिल्ली भाग गयीं. वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उनकी लाख गुहार के बावजूद, उन्हें दांतेवाडा पुलिस को सौंप दिया गया.
यहाँ से यातनाओं का वो लंबा दौर शुरू हुआ जो जेल जाने के बाद भी नही थमा. कोर्ट में पेशी से पहले इन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में रखा गया. सीधे एसपी ‪#‎अंकितगर्ग‬ की हिरासत में. रात में सोनीसोरी को एसपी के कमरे में लाया गया. नंगा किया गया, बिजली के झटके लगाए गए. किसे नंगा किया गया? #आदिवासीमाता को. कोर्ट में पेशी के दिन यह आदिवासी माता थर्ड डिग्री टार्चर की वजह से चल फिर नही पा रही थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतंत्र जाँच करवाए जाने पर उनके यौनांग की गहराई में तीन पत्थर पाए गए.
बाद में, इन्ही एसपी अंकित गर्ग साहब को भारत की ‪#‎राष्ट्रीयसरकार‬ ने 26 जनवरी, 2012 को ‪#‎राष्ट्रपतिपुलिसवीरतापदक‬ से नवाजा.
सोनी सोरी को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया किन्तु यातनाओं का क्रूर सिलसिला यहाँ भी नही थमा. सोनी सोरी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाईं की उन्हें दूसरी जेल में स्थानांतरित कर दिया जाय. वो मर्मस्पर्शी पत्र आप यहाँ पढ़ सकते हैंhttps://sonisori.wordpress.com/…/letter-to-the-supreme-cou…/
यहाँ भी पढ़ सकते हैं. https://kractivist.wordpress.com/…/s-p-ankit-garg-gets-gal…/
खैर, आख़िरकार ढाई साल की यातनापूर्ण कैद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें परमानेंट जमानत प्रदान कर दी.
बाद में सोनी सोरी ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली. अभी बीबीसी की खबर से पता चला कि कल उनके चेहरे पर किसी ज्वलनशील पदार्थ से हमला किया गया है. तो सोचा कि चलो ये पोस्ट लिखते हैं. 
कई बार मैं सोचता हूँ तो सवाल पैदा होते हैं. क्या ये ‪#‎आदिवासीमाताएं‬, ये ‪#‎दलितमाताएं‬उस भारत माता से अलग हैं जिसके नारे लगा-लगाकर हम पुलकित हो उठते हैं? खैर, मुझे तो ऐसा ही लगता है. हाँ, अलग हैं तभी तो योनियों में पत्थर भर दिए जाते हैं, बलात्कार करके मार डाला जाता है. कोख से बच्चे निकाल कर मार डाले जाते हैं..

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