नीतीश यह भी कहा कि सीपीआईएम-सीपीआईएमएल के विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन ये देशद्रोही नहीं है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। एबीवीपी अपने विचार को थोपना चाहती है। आएअएसएस की देशभक्ति की परिभाषा को देश पर थोपने की साज़िश हर मोर्चे पर है।
Let me speak human!All about humanity,Green and rights to sustain the Nature.It is live.
No comments:
Post a Comment