इस जंगे - आवामी को ....... परवान चढ़ाना है ...... हिटलर के वंशंजों को ...... जनतंत्र सिखाना है ...... हरएक को आना है ..... बढ़ते ही जाना है ........ ! सनद रहे _______ सवाल एक है ....... जवाब भी एक ही होगा ____ जेएनयू हो या रोहित !
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.....हम नहीं चाहते पुलिस की लाठियों पर टंगी किताबों को पढ़ना
हम नहीं चाहते फौजी बूटों की टाप पर हुनर का गीत गाना
हम तो वृक्षों पर खनकते संगीत को
अरमान भरे पोरों से छूकर देखना चाहते हैं
आँसू गैस के धूंए में नमक चाटना
या अपनी ही जीभ पर अपने ही लहू का स्वाद चखना
किसी के लिए भी मनोरंजन नहीं हो सकता
लेकिन, हम झूठ-मूठ का कुछ भी नहीं चाहते
और हम सब कुछ सचमुच का देखना चाहते हैं !!
हम नहीं चाहते फौजी बूटों की टाप पर हुनर का गीत गाना
हम तो वृक्षों पर खनकते संगीत को
अरमान भरे पोरों से छूकर देखना चाहते हैं
आँसू गैस के धूंए में नमक चाटना
या अपनी ही जीभ पर अपने ही लहू का स्वाद चखना
किसी के लिए भी मनोरंजन नहीं हो सकता
लेकिन, हम झूठ-मूठ का कुछ भी नहीं चाहते
और हम सब कुछ सचमुच का देखना चाहते हैं !!
पाश
Via Ravi Prakash
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