स्वागत है, लेकिन पहले खून से सने अपने हाथ धो लीजिए.
नरेंद्र मोदी जी,
आप प्रधानमंत्री हैं देश के. संविधान में एक ही प्रधानमंत्री की व्यवस्था है, जो पद की शपथ लेने के बाद पूरे देश का अभिभावक माना जाता है. आपसे वैचारिक विरोध के बावजूद, उस पद के लिए हम सबके दिलो में सम्मान है, जिस पर आप बैठे हैं.
आप प्रधानमंत्री हैं देश के. संविधान में एक ही प्रधानमंत्री की व्यवस्था है, जो पद की शपथ लेने के बाद पूरे देश का अभिभावक माना जाता है. आपसे वैचारिक विरोध के बावजूद, उस पद के लिए हम सबके दिलो में सम्मान है, जिस पर आप बैठे हैं.
हर जगह आपका स्वागत होना चाहिए. बिना दुख का शहर यानी बे-गम-पुरा बसाने वाले महान संत श्री रविदास जी महाराज की जन्म भूमि पर जरूर आइए. इस दरवाजे पर किसी को रोका नहीं जाता. रोकने की ब्राह्मणी संस्कृति के खिलाफ थे संत रविदास.
लेकिन थोड़ा ठहरिए.
आपको तो रिपोर्ट मिली हुई होगी कि भारत समेत दुनिया के हर देश में तमाम रविदासिया संगठन रोहित वेमुला सांस्थानिक हत्याकांड का विरोध कर रहे हैं.
रोहित वेमुला संत रविदास की वैचारिक संतान था.
रविदासिया संगठन आपके दो मंत्रियों को इस सांस्थानिक हत्या के लिए दोषी मानते हैं. जांच पूरी होने तक उन्हें पद से हटाइए. जांच में बेकसूर पाए जाने पर दोनों को वापस ले आइए.
आप खून से सने अपने हाथ धोकर, उसके बाद सच्चे मन से संत रविदास की चौखट पर मत्था टेकें.
आपका स्वागत है. इस दरवाजे पर हर किसी का स्वागत है.
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