Saturday, February 13, 2016

Uday Prakash 7 hrs · Ghaziabad · मेरी उम्र लगभग ६३-६४ वर्ष की हो चुकी है। आज़ादी के पाँच साल बाद सन १९५२ में मेरा जन्म हुआ था। १९५२ में ही पहला संसदीय चुनाव हुआ था। तब से लेकर आज तक, कभी ऐसा समय नहीं देखा, जब छोटी-छोटी टिप्पणियों और बातों पर कुछ कट्टर जातिवादी- राजनीतिक कारकून पुलिस, फ़ौज, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्र, देश, हिंदू धर्म वग़ैरह का हवाला दें और धमकियाँ दें। लोकतंत्र ख़तरे में है। और इस देश की विरासत भी। यह एक छोटी-सी बात कहना चाहता हूँ। जयहिंद !


मेरी उम्र लगभग ६३-६४ वर्ष की हो चुकी है। आज़ादी के पाँच साल बाद सन १९५२ में मेरा जन्म हुआ था।
१९५२ में ही पहला संसदीय चुनाव हुआ था।
तब से लेकर आज तक, कभी ऐसा समय नहीं देखा, जब छोटी-छोटी टिप्पणियों और बातों पर कुछ कट्टर जातिवादी- राजनीतिक कारकून पुलिस, फ़ौज, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्र, देश, हिंदू धर्म वग़ैरह का हवाला दें और धमकियाँ दें।
लोकतंत्र ख़तरे में है। और इस देश की विरासत भी।
यह एक छोटी-सी बात कहना चाहता हूँ।
जयहिंद !
Comments
Rakesh Dhar Dwivedi जय हिन्द के तो टुकड़े करना चाहते है आप लोग आत्मनिर्णय के सिद्धान्त के आधार पर।
गलत लिखा हो तो बताये।
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Uday Prakash गोडसे के समर्थक हैं आप। आज पता चला। प्रोफाइल और आपकी वाल देख कर। स्तब्ध हूँ। राष्ट्रद्रोही आप हैं द्विवेदी जी। (अनफ्रेंड कर रहा हूँ)
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Rakesh Dhar Dwivedi नहीं कर सकते सर।
आप तर्क दे। असहिष्णुता न दिखाए।
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Palash Biswas
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Rakesh Dhar Dwivedi संघियो को आप लोगो के विरोध के तरीके ने और मज़बूत ही किया है।
पहले भी आप लोगो की राजनीतिक नीतिया आर्थिक आधार पर न बनकर दलित और मुस्लिमो के वोट पर ही बनती रही है।
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Uday Prakash दलित और मुसलमान, ईसाई और पिछड़े और हम जैसे विजातीय भी इसी देश के नागरिक हैं। हम सबको भी सम्मान, गरिमा, सुरक्षा और अपने संवैधानिक अधिकारों के साथ जीने का हक़ है।
इस सच को कृपया समझें।
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Rakesh Dhar Dwivedi बिलकुल समझता हूँ। सर्वहारा में सब आएंगे जिसकी हम लड़ाई लड़ रहे।
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Palash Biswas
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Anil Khamparia Barhi bat kah di aapne ..Jo na samajhe wo anarhi hain.
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Arvind Cart OO Nist उदय जी अगले माह धर्मशाला में भारत-पाक क्रिकेट मैच है आईये आप ...आयोजक अनुराग ठाकुर पूरे जोर -शोर से तैयारी कर रहा है
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Rakesh Dhar Dwivedi सर आपकी स्वतंत्रता है , आप मुझे ब्लॉक करते हुए कमेंट डिलीट कर सकते है। वरिष्ठ और सम्मानीय है। पर अब मैं आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट नहीं भेजूंगा।
और सच्चाई को स्वीकारे भागे नहीं।
मार्क्स भगत गांधी नेहरू JP मेरे भी विचारो के आधार है। ...See More
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Uday Prakash वह कौन-सी वामपंथी या लोकतांत्रिक विचारधारा है, जो गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को समर्थन देती है ?
विचारधाराएं देश, समाज और वृहत्तर मानवीय चिंताओं से जुड़ी होती हैं। किसी व्यक्ति की निजी सनक (सिनिकैलिटी) से नहीं।
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Rakesh Dhar Dwivedi सर समर्थन नहीं दिया है। 30 जनवरी की पोस्ट देख ले मेरी।
गोडसे के महिममंडन का मैंने हमेशा विरोध किया है हमेशा से।
आपके ज्ञान और समझ के आगे कही नहीं टिकता मैं। इतिहास को सही सन्दर्भ में लिखा बस।...See More
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Palash Biswas
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Parshotam Kumar Sahi hai
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Sushil Swatantra सहमत हूँ Uday जी..... मुश्किल वक़्त है हमारे लोकतंत्र के लिए |
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Rakesh Dhar Dwivedi Kumar SarveshChandan Pandeyअजात अभिषेक देख ले आप लोग भी वामपंथी असहिष्णुता।
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Rakesh Dhar Dwivedi मुझे unfriend कर दिया है, सर ने।
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Palash Biswas
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Vineet Kumar Singh 'भारत की बर्बादी' और 'पाकिस्तान जिंदाबाद' आपके लिए छोटी टिप्पणी होगी, हमारे लिए नहीं।
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भवेश कुमार झा हुजूर आपने एक गोडसे के बारे में टिपण्णी पढ़ ली तो उसे अनफ्रैंड कर दिया । लेकिन जब बात अफज़ल जिंदाबाद की हो जिसने हमारे ऊपर हमला किया तो वैसे लोगों को क्या कहा जाए ?
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Surendra Raghuwanshi उदय जी ऐसा सुनने और पढ़ने में आ रहा है कि जे एन यू की हालिया घटना प्रायोजित थी। आपने समय की नब्ज़ को ठीक पहचाना। हम एक भयावह समय में जी रहे हैं।
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Sujit Kumar Really the situation is bad. In bihar they are killed, in bengal silently killed and hidden. In karnataka they are clueless. And loktantra ko kuch nahee hoga. If we can manage indira gandhi like leader who put emergency, we can manage anything.
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Dhirendra Veer Singh 1975 से 1977 तक का काल लोकतन्त्र के स्वर्णिम काल का हिस्सा होगा शायद ।
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Vipul Singh 'लोकतंत्र खतरे में है' के अलावा कोई विचार है भी नहीं आपके पास. सर, कोई अवार्ड बचा रखा है आपने आज के लिए? आखिर खतरे को देखते हुए " अवार्ड वापसी " अस्त्र तो छोड़ना ही पड़ेगा न !
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पद्म भूषण मिश्र आधार कार्ड बचा होगा शायद!
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Palash Biswas
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Ajay Shrivastava दोस्तो ,आज बसन्त पन्चमी के शुभ दिन को याद आते हैं स्कूल के वो दिन जब पूरे साल प्रार्थना मे या कुन्देन्दु तुषार हार धवला...,वन्दे मातरम औऱ जनमन गन समवेत स्वर मे गाया जाता था धर्म की कोई बन्दिश नहीं थी ।मुश्लिम छात्र भी कभी प्रार्थना से भागते नहीं थे, इ...See More
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Rajesh Dwivedi सही कहा जादुई यथार्थ यही है कि ....अभी तक कोई अवार्ड वापस नहीं हुआ..!
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धनपत स्वामी राष्ट्रवाद सत्ता पर शान से सवार है जनता गौरव से है तो एक ख़ास और खारिज किस्म की सोच वालों की खुन्नस जायज है । लगे रहिये सर !
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Ajay Shrivastava साहित्यकारो को समझना चाहिए कि उनका प्रगतिशील लेखन( जिसे वो समझतेहै)के आधार पर उन्है पुरूस्कार मिला था,जब उस साहित्य का प्रभाव समाज और राजनीति को न बदल पाया तो पुरूस्कार लौटा कर वो इनको क्या बदल पाएगे और कौन सा तम्बू उखाड लेगे???इसलिए देश की फिजा बिगाडने का काम बंद कर कुछ रचनात्मक सोच के साथ लेखन करे।
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Sumit Kumar Theek kha sir ji
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Rajgopal Vyas आपका कथन बिल्कुल सही है। हिंदु-मुस्लिम दंगे, करफ्यु बचपन से हम सबने झेले है, और सर्व विदित है कि जो राजनीति से प्रेरित और sponsored रहे है। लेकिन जिसका कष्ट और कीमत हमेशा वे, गरीब, कमपढ़, आमजन चुकाते रहे है, जिनका इस अमानवीय षड़यंत्रों से कोई लेना देना...See More
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Ajay Mishra आखिर कौन खतरे मै हैं यह तो पूरा देश देख व् समझ रहा हैं बदलते दौर के साथ खुद को बदले व् सत्ता के साथ कदम मिला कर गद्दारो को जनता के सामने लाने का प्रयास करे
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