मेरी उम्र लगभग ६३-६४ वर्ष की हो चुकी है। आज़ादी के पाँच साल बाद सन १९५२ में मेरा जन्म हुआ था।
१९५२ में ही पहला संसदीय चुनाव हुआ था।
तब से लेकर आज तक, कभी ऐसा समय नहीं देखा, जब छोटी-छोटी टिप्पणियों और बातों पर कुछ कट्टर जातिवादी- राजनीतिक कारकून पुलिस, फ़ौज, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्र, देश, हिंदू धर्म वग़ैरह का हवाला दें और धमकियाँ दें।
१९५२ में ही पहला संसदीय चुनाव हुआ था।
तब से लेकर आज तक, कभी ऐसा समय नहीं देखा, जब छोटी-छोटी टिप्पणियों और बातों पर कुछ कट्टर जातिवादी- राजनीतिक कारकून पुलिस, फ़ौज, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्र, देश, हिंदू धर्म वग़ैरह का हवाला दें और धमकियाँ दें।
लोकतंत्र ख़तरे में है। और इस देश की विरासत भी।
यह एक छोटी-सी बात कहना चाहता हूँ।
जयहिंद !
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