Rajiv Lochan Sah जी ने अपडेट दिया है.....
आधा घंटा पहले नैनीसार से वापस लौटा हूँ ।
'गण' इस ओर अपना अस्तित्व बचाने के लिये जूझ रहा था तो 'तंत्र' संविधान की हत्या कर लूट को ताकत से सही सिद्ध करने के लिये ।
यह जीवन का पहला गणतंत्र दिवस था, जो संघर्ष के बीच बीता ।
बधाई कैसे दूँ ?
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