🏻🏻🏻चलो जंतर मंतर, चलो अम्बेडकर भवन से जंतर मंतर
दिनांक - 23 फरवरी 2016 समय : सुबह 11 बजे स्थान: डॉ. अम्बेडकर भवन (रानी झाँसी रोड), दिल्ली से "जंतर मंतर" तक पैदल मार्च से पहुंचे.
"जंतर-मंतर" पर मुलनिवासी स्कॅालर रोहिथ वेमुला को न्याय दिलाने के लिए "राष्ट्रीय धरना एवं प्रदर्शन" का आयोजन किया गया है। इस धरने में डॉ. रोहित वेमुला की माता जी भी पहुंच रही है। ऐसे समय में हमें उनका साथ देकर आंदोलन को मजबूती पहुचाकर आने वाली पीढ़ी को सशक्त बनाना है।
इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए 'मूलनिवासी संघ' के 6 राज्यो (दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरयाणा,पंजाब, उत्तराखंड, तेलंगाना) के कार्यकर्ता इसमे भाग लेंगे।
निवेदक - जॅाईन्ट एक्शन कमिटी फॅार सोशल जस्टिस,मूलनिवासी संघ, और अन्य संगठन
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मुलनिवासी स्कॅालर रोहिथ वेमुला का मामला आंतरराष्ट्रीय आंदोलन में तब्दील हो चुका है। मुलनिवासी बहुजन समाज के लोग वेमुला को भूलना नहीं चाहते। समाज नाराज हैं ओर वो न्याय चाहता हैं, संस्थानिक हत्या का, स्वाभिमानी युवा नेता की हत्या का।
सावधान इंडिया !! रोहिथ वेमुला, FIGHTS BACK
मुलनिवासी रिसर्च स्कॅालर रोहिथ वेमुला की आवाज भारत देश के मुलनिवासी बहुजन(OBC/ SC/NT/VJNT ओर धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय) की आवाज हैं। जो ॿाह्मनवाद से परेशान है। जो जातिवाद,हत्या ओर उत्पीड़न की आवाज हैं। आज ये आवाज राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले चुका है ये मानवतावाद की आवाज है। राष्ट्रवाद की आवाज है।
मुख्य आरोपों में :: मूलनिवासी रिसर्च स्कॅालर रोहिथ वेमुला की हैदराबाद विश्वविद्यालय में संस्थानिक हत्या Vice Chancellor अप्पा राव, स्मृति ईरानी (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) , बंदारु दत्तात्रय (भारतीय जनता पार्टी), रामचन्द्रर राव सुशिल कुमार (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) प्रोफेसर आलोक पांडे(RSS) की सांठगांठ से हुई है। मुख्यमंत्री के. चन्द्रसेखरा राव तेलंगाना ।
क्रांति ओर प्रतिक्रांति के संदर्भ में ::: मुलनिवासी रि्सर्च स्कॅालर रोहिथ वेमुला की हत्या राजनैतिक मुद्दा नहीं है बल्कि दो विचारधाराओं अम्बेडकरवाद(मानवतावाद) विरुद्ध ॿाह्मनवाद का संघर्ष है। ये मुलनिवासी भारतीयों के विरुद्ध विदेशी आर्य ॿाह्मन का संघर्ष है।
गुनाह: १)यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद में कबीर,पेरियार,शाहु,शिवाजी,फुले-शाहु-अम्बेडकर की विचारधारा फैलाना २)बाह्मनवाद का विरोध करना. ३) मुलनिवासी OBC/ SC/ ST ओर धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को एकजुट करना. ४)जातीवाद का विरोध करना.
सजा: सामाजिक बहिष्कार, मानसिक उत्पीड़न,हत्या,राष्ट्रद्रोही कहना,आंतकवादी कहना , खुफिया एजेंसी द्वारा जाती की पत्रिका देना.मृत शरीर को चोरी छिपे जलाना,दलित हैं कहना,ABVP के गुंडों द्वारा बदनामी करना.
सवाल: 1) क्या राष्ट्रनिर्माताओ की विचारधारा फैलाना राष्ट्रद्रोह है? 2) जातीविहिन समाज बनाना गुनाह हैं ? 3) स्वातंत्र्य,समता,न्याय और बंधुत्व के लिए लढना देशद्रोह हैं। 4) मुलनिवासी OBC/ SC/ ST ओर धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को एकजुट करना गुनाह हैं ?
एक्शन : 1)प्रण ले ओर तन-मन-धन से फुले-शाहु-अम्बेडकर के विचारों को फैलाये। 2) प्रण ले ओर तन-मन-धन से फुले-शाहु-अम्बेडकर के विचारों को फैलाये। 3)प्रण ले ओर तन-मन-धन से फुले-शाहु-अम्बेडकर के विचारों को फैलाये।
1)आओ प्रण ले, ॿाह्मनवाद(विचारधारा) को नष्ट करे! 2)आओ प्रण ले, ॿाह्मनवाद(विचारधारा) को नष्ट करे! 3)आओ प्रण ले, ॿाह्मनवाद(विचारधारा) को नष्ट करे!
संक्षिप्त में : मुलनिवासी रि्सर्च स्कॅालर रोहिथ वेमुला की हत्या राजनैतिक मुद्दा नहीं है बल्कि दो विचारधाराओं अम्बेडकरवाद(मानवतावाद) विरुद्ध ॿाह्मनवाद का संघर्ष है।
आंदोलन जारी रहेगा। "रोहित को रोकना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है."
#RohithVemulaFightsBack #RohithVemula #MulnivasiSangh |
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