Bhanwar Meghwanshi
पहन कर
कवच देशभक्ति का
दुष्ट निकल पड़े है
निहत्थे नागरिकों का
करने को आखेट ।
कवच देशभक्ति का
दुष्ट निकल पड़े है
निहत्थे नागरिकों का
करने को आखेट ।
केन्द्रीय सत्ता के
बहेलियों ने बिछा दिये है
जाल ।
तमाम पखेरू
या तो फांसे जायेंगे।
या मारे जायेंगे
हां मार दिये जायेंगे
वो सभी जो देश को
मा मानने को
ना होगे राजी ।
बहेलियों ने बिछा दिये है
जाल ।
तमाम पखेरू
या तो फांसे जायेंगे।
या मारे जायेंगे
हां मार दिये जायेंगे
वो सभी जो देश को
मा मानने को
ना होगे राजी ।
कायर,हिंसक ,हत्यारे
गली ,मोहल्लों ,बाजारों
कोर्ट कचहरियों तक
फैल गये है।
रक्तपिपासु
राष्ट्र के नाम
पी जायेंगे
समस्त नागरिकों
का खून।
गली ,मोहल्लों ,बाजारों
कोर्ट कचहरियों तक
फैल गये है।
रक्तपिपासु
राष्ट्र के नाम
पी जायेंगे
समस्त नागरिकों
का खून।
सुनो ,सुनो ,सुनो
चक्रवर्ती सम्राट
का फरमान ।
जो सहमत ना हो
वो छोड़ दे हिन्दुस्तान ।
यह आर्यावृत है,
इस जम्बूद्वीप में
अब सिर्फ वही
रह पायेंगे।
जो हरदम
वन्देमातरम्
गायेंगे।
चक्रवर्ती सम्राट
का फरमान ।
जो सहमत ना हो
वो छोड़ दे हिन्दुस्तान ।
यह आर्यावृत है,
इस जम्बूद्वीप में
अब सिर्फ वही
रह पायेंगे।
जो हरदम
वन्देमातरम्
गायेंगे।
हरेक की देशभक्ति
नापी जायेगी।
अगर किसी की
जरा सी भी कम आयेगी।
उसकी गर्दन नप जायेगी।
नापी जायेगी।
अगर किसी की
जरा सी भी कम आयेगी।
उसकी गर्दन नप जायेगी।
अंधेर नगरी में
फंदे तैयार है
चौपट राजा के,
गले तलाशे जा रहे है,
हैदराबाद से लेकर
जेएनयू तक...
फंदे तैयार है
चौपट राजा के,
गले तलाशे जा रहे है,
हैदराबाद से लेकर
जेएनयू तक...
हत्यारे घूम रहे है
बेखौफ ।
अपनी लपलपाती
राष्ट्रभक्ति पर
बलि चढ़ाने को।
रक्तपिपासु राष्ट्रभक्ति
का आवरण ओढ़े
प्रकटे है।
स्वागत कीजिये
इनका।
बेखौफ ।
अपनी लपलपाती
राष्ट्रभक्ति पर
बलि चढ़ाने को।
रक्तपिपासु राष्ट्रभक्ति
का आवरण ओढ़े
प्रकटे है।
स्वागत कीजिये
इनका।

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