अभी अभी खबर मिली है जे एन यु के देशद्रोह के आरोपी उम्र खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया है.
वास्तव में यह सब लोग सरकार की ज़्यादती के शिकार हो रहे हैं क्योंकि उन के खिलाफ कोई अपराध बनता ही नहीं है. देश द्रोह के मामले में सुप्रीम कोर्ट यह बार बार स्पष्ट कर चुकी है कि सरकार अथवा देश विरोधी नारे देश द्रोह नहीं है. फिर भी दिल्ली पुलिस ने फर्जी सीडी के आधार पर देश द्रोह का मुकदमा कायम किया है. इस के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य जे एन यू के छात्रों को फंसाना और दबाना है क्योंकि इन छात्रों ने ही रोहित वेमुला के मामले को प्रमुखता से उठाया था जिस में सरकार बुरी तरह से घिर गयी थी.इसी लिए सरकार ने देशद्रोह का मामला बना कर जे एन यू ही नहीं देश के तमाम विश्व विद्यालयों में भाजपा विरोधी आवाजों को दबाने का षड्यंत्र रचा है. यह लोकतंत्र पर खुला हमला है जिस के विरुद्ध हम सब को मिल कर आवाज़ उठानी होगी.
वास्तव में यह सब लोग सरकार की ज़्यादती के शिकार हो रहे हैं क्योंकि उन के खिलाफ कोई अपराध बनता ही नहीं है. देश द्रोह के मामले में सुप्रीम कोर्ट यह बार बार स्पष्ट कर चुकी है कि सरकार अथवा देश विरोधी नारे देश द्रोह नहीं है. फिर भी दिल्ली पुलिस ने फर्जी सीडी के आधार पर देश द्रोह का मुकदमा कायम किया है. इस के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य जे एन यू के छात्रों को फंसाना और दबाना है क्योंकि इन छात्रों ने ही रोहित वेमुला के मामले को प्रमुखता से उठाया था जिस में सरकार बुरी तरह से घिर गयी थी.इसी लिए सरकार ने देशद्रोह का मामला बना कर जे एन यू ही नहीं देश के तमाम विश्व विद्यालयों में भाजपा विरोधी आवाजों को दबाने का षड्यंत्र रचा है. यह लोकतंत्र पर खुला हमला है जिस के विरुद्ध हम सब को मिल कर आवाज़ उठानी होगी.
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