Wednesday, August 10, 2016

अंग्रेज़ी की नॉवेलिस्‍ट शोभा डे [Shobhaa De] के लिए हिंदी के कवि वीरेन डंगवाल की ये कविता। शीर्षक है पीटी ऊषा [P T Usha]।

Thanks Avinash Das for the quote

अंग्रेज़ी की नॉवेलिस्‍ट शोभा डे [Shobhaa De] के लिए हिंदी के कवि वीरेन डंगवाल की ये कविता। शीर्षक है पीटी ऊषा [P T Usha]।
काली तरुण हिरनी अपनी लंबी चपल टांगों पर उड़ती है
मेरे ग़रीब देश की बेटी
आंखों की चमक में जीवित है अभी
भूख को पहचानने वाली विनम्रता
इसीलिए चेहरे पर नहीं है सुनील गावस्कर की-सी छटा
मत बैठना पी टी ऊषा
इनाम में मिली उस मारुति कार पर
मन में भी इतराते हुए
बल्कि हवाई जहाज में जाओ तो पैर भी रख लेना गद्दी पर
खाते हुए
मुंह से चपचप की आवाज़ होती है?
कोई ग़म नहीं
वे जो मानते हैं बेआवाज़ जबड़े को सभ्यता
दुनिया के सबसे खतरनाक खाऊ लोग हैं!

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