फिर भी स्मृति ईरानी ने एक बात सही कही। रोहित वेमुला की आत्महत्यानुमा हत्या का मामला, कोई दलित बनाम अन्य के झगड़े का मामला नहीं है। बेशक, यह दलित बनाम अन्य का झगड़ा नहीं है। अगर होता तो रोहित वेमुला की आत्महत्या पर पूरे देश में विक्षोभ का ऐसा ज्वार नहीं उठा होता, जिसने ईरानी और उनकी सरकार को, बचाव के रास्ते खोजने पर मजबूर कर दिया है।
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