Tuesday, January 26, 2016

Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna 17 hrs · भारतीय गणतन्त्र की दिशा बोध संहिता हमारे संविधान "भीम स्मृति " के रचयिता बाबा साहेब भीम राव आम्बेडकर को नमन । आज उन्ही की मेधा एवं अध्यवसाय के फलस्वरूप हमे लोक तन्त्र की गाइड बुक मिली । यह युग मनु स्मृति को कूड़े में फेंक "भीम स्मृति " को अपनाने का है ।

भारतीय गणतन्त्र की दिशा बोध संहिता हमारे संविधान "भीम स्मृति " के रचयिता बाबा साहेब भीम राव आम्बेडकर को नमन । आज उन्ही की मेधा एवं अध्यवसाय के फलस्वरूप हमे लोक तन्त्र की गाइड बुक मिली । यह युग मनु स्मृति को कूड़े में फेंक "भीम स्मृति " को अपनाने का है ।
Comments
Suraj Singh Sarki ji sahmat hoo...
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Puran Singh Bhandari प्रशासन द्वारा सताये गये दलित छात्र रोहित वेमुला कि शहादत को नमन करते हुये गणतंत्र दिवस कि शुभकामनायें ।
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Manoj Ranswal Koti koti naman
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Surinder Singh Bhandari गणतन्त्र दिवस की बधाई जय हिन्द
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Pancham Singh Rawat गणतंत्र दिवस की आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
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Shradhanand Sharma कई हजार जातियों में बटे हुए लोग भला एक राष्ट्र कैसे हो सकते हैं.....
बंधुत्व तभी संभव है जब हम एक राष्ट्र हो और बंधुत्व ना हो तो समानता और स्वतंत्रता की औकात मुलम्मे से ज्यादा नहीं होगी.......... डॉ भीमराव अंबेडकर
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Mannu Rana Utrakhandi आजी भीम राव ने कहाँ बनाया इस में तो 389 लोगो का सहयोग था सर एक हाथ से कभी ताली नही बजती
और वो पारूप कमेटी की अध्यक्छ थे सभी को अलग अलग काम दिया गया था झण्डा कमेटी के डॉ राजेंदर परसाद थे हाँ ये है की मेन काम पारूप कमेटी का ही था पर को सारा श्रेया एक को नही देना चहिये
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Harish Chandra Lakhera आप ही सुरुआत करें प्रभु . ये बहुगुना टाइटल क्यो रखा है पंडत जी . हटाओ ना इसे. हटाओगे. या सिर्फ भाषण. हाहाहाहा
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Arya Surendra सदैव जय हो !
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Shishram Kanswal बिलकुल थे ३९८ योग्य लोग परन्तु अध्यक्स्छ और कारगर भूमिका भारत रत्न बाबा साहेब की ही रही इसीलिये संविधान स्वीकृति की तिथि से ही ३९८ सदस्यों सहित पूरा राष्ट्र संविधान बाबा साहेब की देन ही बोलता आया है इस पर कोई विवाद नही रहा कभी
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Mannu Rana Utrakhandi सारा सविधान तो दुसरे देशो से ले रखा इस में कुछ बी नया नही था आधा से ज्यादा तो 1935 से लिया गया जो अंग्रेजो का था
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Vinay Shah सहमत...
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Mannu Rana Utrakhandi बहुत ही बढ़िया पोस्ट है निवेदन है की जरूर पढियेगा....
#कोई_अपना_सा ••..
बाजार से घर लौटते वक्त कुछ खाने का मन किया तो,...See More
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Praveen Koli जो भी व्यक्ति यह कहता है की दुसरे देशों के संविधान की नकल कर यह संविधान बना है तो । गधो यह सुन लो क्या मनुस्मृति की नकल कर के संविधान बनता। ये मनु का विधान लागू था उस समय देश में। और सुनो गधो कभी बुद्ग को भी पढ़ लिया करो तब पता चल जाएगा तुम मूर्खों को की इस देश से विश्व ने मानवता और ज्ञान लिया है। न की हमारा संविधान दुसरे देशों की नकल है।
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Mannu Rana Utrakhandi Ha ha ha ha ha gdhe b dusro ko gdhe bolne lge
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Mannu Rana Utrakhandi अगर मनु से इतनी ही नफरत है तो धरम ही बदल लो मन्नू की बुराई करने वाले और तो और बुद्ध कौन से दूसरी जगह से आये वो बी हिन्दू ही थे आज बी है
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Mannu Rana Utrakhandi जय हिन्द जय भारत जय उतराखंड जय भोले इस से ऊपर कोई नही
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Praveen Koli अगर गधों को बुरा लगा हो तो गधे मुझे माफ़ करें
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Mannu Rana Utrakhandi हा हा हा राजपूतो ने गधो को को गधा ही बनाया वो बी घसीट घसीट के
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Mannu Rana Utrakhandi राणा लोगो ने किसी के आगे sir नही झुकाया sir कटा सकते मगर sir झुका सकते नही हमें गर्व है हम भारतीय है और हिन्दू है जिस थाली में खाते है उस में छेद नही करते न उस देश के महान लोगो महान धरम के बारे में कुछ गलत बोलते जो सच है वो है sacchi कडवी लगती है
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