Wednesday, April 6, 2016

बंगाल में भूत तय करेंगे जनादेश! दीदी को जिताने के फेर में बंगाल के भाजपा नेता गहरे संकट में कच्चा चिट्ठा दीदी का खोलने में आगे!

बंगाल में भूत तय करेंगे जनादेश!

दीदी को जिताने के फेर में बंगाल के भाजपा नेता गहरे संकट में कच्चा चिट्ठा दीदी का खोलने में आगे!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
बंगाल में तो भूतों को तय करना है कि आखिर कांटों की टक्कर में संघ परिवार की रणनीति के मुताबिक वाम कांग्रेस लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन को शिकस्त देकर ममता दीदी की सत्ता में फिर घर वापसी होती है या नहीं,असम में शायद भूत ही केसरिया क्रांति कर न सके।

क्योंकि गुजरात नरसंहार की काली छाया असम के हाल के दंगों में संघ परिवार के प्रयोगों के मद्देनजर इतनी गहरा गयी है कि वहां चौतीस फीसद मुसलमानों को मालूम है कि असम संघ परिवार के हवाले हो जाने का मतलब आखिर क्या है।

इसी तरह सघं परिवार से दीदी के गुपचुप गठबंधन की कलई बंगाल में जिस तरह खुलने लगी है तो उसका नतीजा अभी दूसरे चरण के मतदान में सामने आने वाला है।

पहले भूतों की लोकतांत्रिक भूमिका को समझ लें।
अब तक बंगाल में बाकी देश की तुलना में हमेशा मतदान प्रतिशत भारी और बहुत भारी होता रहा है।

अस्सी नब्वे फीसद वोट एकतरफा जनादेश तय कर देते हैं और वोट मशीनरी सत्ता बिरादरी के कब्जे में होती है जिसके तहत बूथ के बूथ लूट लिये जाते हैं और विपक्ष के उम्मीदवार एजंट कार्यकर्ता सीधे चुनाव मैदान से बाहर पेंक दिये जाते हैं।

असली वोटर अगर सत्ता पक्ष के न हो,तो वे या तो बूथ तक पहुंच ही नहीं सकते या फिर ऐसी दहशत का आलम बन जाता है कि अपनी जान माल की हिफाजत के वास्ते वे घर से बाहर नहीं निकलते और भूत बिरादरी खामोशी से सबकुछ छाप्पा कर देती है।

नारद स्टिंग के मुताबिक शहरी विकास मंत्री ने पिछले चुनावों में मुनमुन सेन और शताब्दी राय के चुने जाने के सिलसिले में दूध और पानी का हवाला दिया है।बाल्टी भर भर कर जरुरत के मुताबिक दूध में मिला दो तो कारोबार बराबर।

मुनमुन और शताब्दी के इलाकों में पिछले वोट के दौरान मंत्री के कहे मुताबिक बाल्टी उलीचकर पानी ही पानी का ऐसा नजारा पेश किया गया कि दोनों हार रही स्टार बड़ी लीड के साथ जीत गयीं।

शारदा फर्जीवाड़ा का पिछले चुनावों में असर इसलिए नहीं हुआ के इसमें इस दूध का हिसाब बड़ा निर्णायक रहा है।फिर केंद्र सरकार और उनकी जांच एजंसियों ने जांच पड़ताल को किसी अंजाम तक नहीं पहुंचाने दिया।

फिर भी बंगाल और बाकी देश में शारदा और दूसरी चिटफंड कंपनियों से दिवालिया हो गये करोड़ों गरीब परिवारों की नजर में वे कटघरे अब भी जहां के तहां हैं और तमाम आदरणीय अभी जनता की अदालत से बरी नहीं हुए हैं और न उन्हें किसी बराक ओबामा से क्लीन चिट मिला है और न दुनियाभर की वैश्विक वित्तीय संस्थानों का निवेश और सुधार का नरसंहारी मुक्तबाजार उनसे नत्थी है।बाजार की ताकतें हारते हुए पक्ष का साथ नहीं देती वरना मनमोहन सिंह का दस साला राजकाज गुड़गोबर न हुआ रहता और बाबा रामदेव की अगुवाई में कारपोरेट इंडिया ने मतदान से पहले ही नये ईस्वर की ताजपोशी नहीं कर दी होती।

फिर जमीन आंदोलन के भरोसे मुख्यमंत्री बन जाने के बावजूद बंगाल में गुजरात माडल के विकास का कुल किस्सा फ्लाईओवर, हाईवे,हाउसिंग,अस्पताल और नालेज इकानामी के तहत मशरूम की तरह पनप गया बिल्डर प्रोमोटर राज है।

उद्योगपतियों और कारोबारियों को दीदी मने एक इंच जमीन नहीं दी है और उद्योग और कारोबार जगत की जो दिलचस्पी 2009 के लोकसभा चुनावों और 2011 के विधानसभा चुनावों में वामदलों को हराने की थी,ऐसी दिलचस्पी तो है ही नहीं और न कोई दांव है।

दीदी की छाया में संघ परिवार का केसरिया कारोबार ही एकमात्र कारोबार है जो कमसकम बंगाल में दीदी को जिता नहीं सकता।
मुख्यचुनाव आयुक्त के मुताबिक बंगाल में इक्कासी फीसद वोट जंगल महल में पड़े हैं और उनने दूसरे चरण में शत पर्तिशत मतदान की अपील की है।

इस अपील का आशय शायद वे समझ नहीं पाये होंगे।क्योंकि बारी मतदान के पीछे जनादेश की लूट में भूतों का नंगा नाच है,उसे उनकी मशीनरी भी रोकने में कायम नहीं है।

इसी सिलसिले में टाइम्स नाउ के स्टिंग में कोलकाता से जुड़े नये महानगर विधाननगर के मेयर सव्यसाची दत्त ने सनसनीखेज खुलासा किया है।

गौरतलब है कि अभी अभी सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को मंगलवार को स्टिंग अॉपरेशन का दोहरा झटका लगा है राज्य भाजपा ने वेब पोर्टल नारद न्यूज के एक वीडियो के साथ ही एक अंगरेजी न्यूज चैनल पर प्रसारित स्टिंग का वीडियो क्लिपिंग जारी किया है।

स्टिंग में कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी कथित तौर पर ‘डॉलर में घूस’ मांगते नजर आ रहे हैं, वहीं विधाननगर नगर निगम के मेयर व तृणमूल प्रत्याशी सब्यसाची दत्त कहते नजर आ रहे हैं कि सिंडिकेट पर कार्रवाई की गयी तो राज्य सरकार ही गिर जायेगी।

हमारे पास ऐसे वीडियो क्लीपिंग की सत्यता जांचने का कोई साधन नहीं है।अब जब भाजपा अपनी साख बचाने के लिए ये वीडियो सार्वजनिक कर रही है और केंद्र में उनकी सरकार है जिसके मातहत तमाम केंद्रीय एजंसियां हैं,वे चाहे तो जांच करा लें।लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है और नारद स्टिंग के मैश्यू साहब को जान का खतरा महसूस हो रहा है और वे अदालत की शरण में है कि वे तमाम वीडियो और सबूत किसी केंद्रीय एजंसी को सौंपने को तैयार हैं।

मजा यह है कि केंद्रीय एजंसियों और केंद्र सरकार की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है जबकि भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष खड़गपुर में,पूर्व प्रदेश अद्यक्ष राहुल सिन्हा कोलकाता के जोड़ासांको में,नेताजी वंशधर चंद्र कुमार बोस भवानीपुर में दीदी के मुकाबले में,रूपा गांगुली हावड़ा में और लाकेट चटर्जी बीरभूम के मयूरेश्वर में गहरे संकट में हैं।एकाद की जमानत भी बच जाये तो खैर है।
बहरहाल विधाननगर के मेयर दत्तसाहेब ने इस स्टिंग में सिंडिकेट के खतम होने के हालात में कैसे सरकार गिर सकती है ,उसका खुलासा करते हुए साफ साफ  कहा है कि हर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में कमसकम 25 हजार गरीब बेरोजगार युवाओं को सत्ता दल से रोजगार मिलता है प्रोमोटरों और बिल्डरों को निर्माण सामग्री से लेकर मजदूरों की सप्लाई तक के सिंडिकेट के जरिये।वे सत्ता दल के पर्मानेंट कार्यकर्ता है क्योंकि वे सिर्फ चुनाव के वक्त पार्टी के उम्मीदवारों क जिता देते हैं और बाकी पांच साल उनके लिए अबाध कमाई का रास्ता खुला होता है।

मेयर दत्तसाहेब के मुताबिक, सिंडिकेट राज और कुछ नहीं, बल्कि बालू-सीमेंट का कारोबार करने वाले लोगों का कोआपरेटिव है।उनका दावा है कि  इससे लोगों को रोजगार मिला है।

मेयर दत्त के इस बयान ने वेब पोर्टल नारद न्यूज के स्टिंग से राज्य की राजनीति में आये भूचाल को और तेज कर दिया है।
मंगलवार को भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेयर सब्यसाची दत्त के स्टिंग के साथ ही वेब पोर्टल नारद न्यूज का एक और वीडियो जारी किया। वीडियो क्लिपिंग जारी करते हुए भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने ममता सरकार पर कई सवाल दागे।

वीडियो में विधाननगर के मेयर  सब्यसाची दत्त ने बंगाल में सिंडिकेट राज को एक हकीकत बताते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में 50 से 60 लाख रुपये खर्च होंगे। जिसमें से पांच लाख रुपये पार्टी की ओर से मिलेंगे और पांच लाख रुपये वह खुद खर्च करेंगे। बाकी खर्च सिंडिकेट के लोग वहन करेंगे।

साढ़े सात मिनट के वीडियो में तृणमूल विधायक और पार्टी प्रत्याशी दत्त कहते हैं कि सिंडिकेट को समाप्त करने का साहस किसी के पास नहीं, क्योंकि एेसा करने पर राज्य सरकार भी गिर जायेगी।

उन्होंने कहा कि आज सिंडिकेट मेरे साथ है तो कल मैं उनके काम आने वाला हूं। चार वर्ष 364 दिन तक सिंडिकेट को संरक्षण आखिर मैं ही तो दूंगा। वीडियो में सब्यसाची ने यह भी दावा किया है कि उन्हें विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी के लिए हराना असंभव ही नहीं, नामुमकिन भी है।


अब इसके साथ दीदी ने हर जिले शहर गांव में क्लबों को खैरात बांटकर जो बंधुआ कार्यकर्ता जोड़े हैं,हर ट्रेफिक पर तैनात जो ग्रीन पुलिस है और ठेके की नौकरियों में जिनका भरण पोषण का इंतजाम सत्तादल करता है,उन्हें भी जोड़ ले तो भूतों की ताकत का अंदाजा आपको हो जायेगा।  

इसी बीच कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी के स्टिंग का एक और वीडियो भी मंगलवार को सामने आया।

नारद न्यूज के इस वीडियो को भाजपा ने जारी किया है। इसमें शोभन चटर्जी किसी से नोटों का बंडल लेते हुए दिखते हैं।

कोलकाता नगर निगम कार्यालय स्थित मेयर के चैंबर में रिकॉर्ड किये गये इस वीडियो में मेयर पैसा देने वाले से कथित तौर पर पूछते हुए दिखते हैं कि क्या एक लाख 83 हजार रुपये को डॉलर में बदल दिया गया है।

वीडियो जारी करने के बाद प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने राज्य की तृणमूल सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर डॉलर में इतना पैसा कहां से आ रहा है।

उन्होंने आशंका जाहिर की कि कोलकाता के मेयर जिस डॉलर की बात कर रहे हैं कहीं वह तृणमूल को विदेशों से तो नहीं मिल रहा, इसकी जांच होनी चाहिए।

गौरतलब है कि इस  संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेता और कारोबारी शिशिर बाजोरिया भी मौजूद थे। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व भी नारद न्यूज ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें मेयर से मिलता-जुलता शख्स रुपये समेटते हुए देखा गया था।

No comments:

Post a Comment