Thursday, April 28, 2016

भाजपा बांग्लादेश से आने वाले हर शरणार्थी को नागरिकता देगी? ২০১৪ সালের ডিসেম্বরের আগে ভারতে আসা বাংলাদেশিদের নাগরিকত্ব দেবে কেন্দ্রীয় সরকার: রাজনাথ সিং एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप

भाजपा बांग्लादेश से आने वाले हर शरणार्थी को नागरिकता देगी?



২০১৪ সালের ডিসেম্বরের আগে ভারতে আসা বাংলাদেশিদের নাগরিকত্ব দেবে কেন্দ্রীয় সরকার: রাজনাথ সিং

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২০১৪ সালের ডিসেম্বরের আগে ভারতে আসা বাংলাদেশিদের নাগরিকত্ব দেবে কেন্দ্রীয় সরকার: রাজনাথ সিং

২০১৪ সালের ডিসেম্বরের মধ্যে বাংলাদেশ থেকে আসা প্রতি ব্যক্তিকে নাগরিকত্ব দেবে কেন্দ্রীয় সরকার। ঘোষণা কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী রাজনাথ সিংয়ের। দক্ষিণ চব্বিশ পরগনার আমতলার কলোনি ফুটবল মাঠে নির্বাচনী সভায় ভাষণ দেন রাজনাথ। সেখানেই তাঁর ঘোষণা, বাংলাদেশ থেকে আসা ব্যক্তিদের বৈধ নাগরিকের অধিকার দেবে কেন্দ্র।
রাজ্যে ষষ্ঠ দফা ভোটের আগে বিজেপির ভোট প্রচারে এসে এদিন কংগ্রেস-বাম জোটের সমালোচনাও করেন তিনি। তাঁর নিশানা থেকে বাদ পড়েনি তৃণমূল সুপ্রিম মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ও। সারদা ও নারদকাণ্ড নিয়ে এর আগেও তৃণমূলকে নিশানা করছে বিজেপি, প্রচারে এসে সেই স্টিংকেই হাতিয়ার করলেন কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী রাজনাথ সিং।


भाजपा को बंगाल में कितनी सीटें मिलेंगी, इससे बड़ी पहेली है कि लोकसभा चुनाव में मिले वौटबैंक को संघ परिवार सही सलामत रख पायेगा या नहीं।वोटबैंक को सहीसलामत बनाये रखने के लिए अंतिम दो चरणों में संघ परिवार ने सारी ताकत झोंक दी है और दीदी के खिलाफ आल आउट अटैक शुरु कर दिया है।त हैरतअंगेज तरीके से गृहमंत्रकी ने आज हर बांग्लादेशी को नागरिकता देने की घोषणा भी कर दी।


अमित शाह ने दीदी के चुनाव क्षेत्र भवानीपुर की सभा में कहा कि सिर्प एक सीट भवानीपुर में ममता बनर्जी को हराने की जरुरत है तो बंगाल में आपेआप परिवर्तन हो जायेगा तो फिल्म स्टार रूपा गांगुली ने हावड़ा में उग्र तरीके से भाजपा को जिताने की हर चंद कोशिश करने के बाद भवानीपुर में खड़े होकर कहा दिया कि वे काजल और लिपस्टिक के साथ पूरा मेकअप करेंगी और राजनीति भी करेंगी।इसके साथ ही सीधे दीदी पर गरीबी की नौटंकी करने का आरोप लगाकर उनकी सादगी को फर्जी बता दिया और उनकी हवाई चप्पल की राजनीति को दुत्कार दिया।


इस पहेली में बंगाल में दीदी की सत्ता में वापसी होगी या नहीं,इस पहेली को सुलझाने की कुंजी है।गौरतलब है कि असम में घुसपैठियों के खिलाफ युद्ध घोषणा के बाद लोकसभा चुनाव के बतर्ज आखिरी दो चरणों के लिए संघ परिवार फिर हिंदुत्व का कार्ड खेलने लगा है।


कल अमित साह ने भी कहा कि बंगाल में भाजपा ही एकमात्र विकल्प है और भाजपा सत्ता में आयी तो बांग्लादेश से घुसपैठ बंद हो जायेगी।


आज भारत सरकार के गृहमंत्री राजनाथ सिंह  ने बांग्लादेश से 2014 तक भारत आये हर व्यक्ति को केंद्र सरकार भारत की नागरिकता देगी।गौरतलब है कि इन्हीं राजनाथसिंह ने असम की चुनाव सभाओं में कहा था कि केंद्र सरकार भारत-बांग्लादेश सीमा को सील करेगी। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी प. बंगाल में आयोजित चुनावी जनसभा में यही कह चुके हैं कि राज्य की सीमाओं पर बाड़ लगाई जाएगी।


असम के डिब्रूगढ़ जिले के दुलियाजान में एक रैली मेें राजनाथ ने कहा था कि कांग्रेस ने कभी भी असम में घुसपैठ को लेकर ध्यान नहीं दिया।अब वे हर बांग्लादेशी को नागरिकता का वादा कर रहे हैं।


असम में तब अमित शाह ने घोषणा की थी कि बांग्लादेश से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों यानी हिंदुओं को भाजपा नागरिकता देगी और घुसपैठियों को खदेड़ बाहर करेगी।


दक्षिण 24 परगना के आमतला में राजनाथ सिंह ने यह घोषमा की है जबकि संघ परिवार बांग्लादेश से आये मुसलमानों को घुसपैठिया मानता और बताता रहा है।पिछले कलोकसभा चुनावों में भी प्रधानमंत्रित्व के केसरिया उम्मीदवार ने घुसपैठ के खिलाफ जिहाद का ऐलान करते हुए बांग्लादेश से आने वाले हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने का वायदा किया था।


प्रधानमंत्री बनने के बाद वे इस वायदे को भूल गये थे और अबकी दफा बंगाल की चुनाव सभाओं में घुसपैठ और नागरिकता के मुद्दे से उन्होंने परहेज बनाया रखा।अब कल भवानीपुर में ममता बनर्जी की सरकार पलट देने का आवाहन करने वाले अमित शाह ने घुसपैठ बंद करना भाजपा काएजंडा बताया तो आज गृहमंत्री बांगालदेश से 2014 तक आये हर बांग्लादेशी को नागरिकता देने की घोषणा कर दी।


गौरतलब है कि 30 अप्रैल को कोलकाता,दक्षिण 24 परगना और हुगली जिले में वोट पड़ने हैं और कोलकाता छोड़कर अन्यत्र उतनी भारी संख्या में हिंदू बंगाली शरणार्थियों की बसावट नहीं है।उत्तर 24 परगना,नदिया और उत्तर बंगाल के तमाम जिलों में जहां बांग्लादेशी शरणार्थियों की तादादा काफी ज्यादा है,वहां घुसपैठ और नागरिकता के बजाय विकास के मुद्दे को छूते हुए ममता बनर्जी की सरकार पर निर्मम प्रहार की तमाम भाजपा नेताओं की रणनीति रही है।


दक्षिण 24 परगना ,कोलकाता और हुगली में मुसलमान वोटर निर्णायक हैं और हर बांग्लादेशी शरणार्थी को नागरिकता देने का वादा कहीं मुसलमानों से किया जा रहा वादा तो नहीं है या दक्षिण कोलकाता के हिंदू शरणार्थियों के वाम कांग्रेस वोटों को तोड़ने का खेल तो नहीं है।


इसके उलट असम में भाजपा विदेशी नागरिकों को चिन्हित करने के लिए असम समझौते के 1971 के आधार वर्ष तक को मानने को तैयार नहीं थी और उल्फा की तरह 1948 के बाद आये सभी बांग्लादेशियों को खदेड़ने की बात कर रही थी।
यहीं नहीं,भाजपा के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश को छोड़कर दुनियाभर के अब तक आये शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता कानून संशोधित भी कर दिया गया लेकिन बांग्लादेश से आये हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने का कोई प्रावधान नहीं किया।


गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के लिए प्रचार अभियान गुरुवार शाम समाप्त हो गया। चुनाव के इस अंतिम चरण में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई दिग्गज नेताओं का भविष्य दांव पर लगा है। दक्षिण 24 परगना, कोलकाता दक्षिण और हुगली जिलों में 53 विधानसभा क्षेत्रों में 43 महिलाओं सहित 349 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन जिलों में शनिवार सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा जहां 1.2 करोड़ से अधिक मतदाताओं के लिए 14,500 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। सभी की नजरें दक्षिण कोलकाता में भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र पर है जहां से तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं।


सबकी निगाहें महानगर की भवानीपुर सीट पर टिकी हैं। यहां मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। वाममोर्चा-कांग्रेस गठजोड़ ने उनके खिलाफ बोउदी यानी कांग्रेस की दीपा दासमुंशी को मैदान में उतारा है तो भाजपा ने दादा यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस को। दो लाख से ज्यादा वोटरों वाला भवानीपुर मिली-जुली आबादी वाला इलाका है। यह इलाका नेताजी के अलावा जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और महान फिल्मकार सत्यजित रे का भी घर रहा है। इस सीट पर 11 उम्मीदवार अपनी किसमत आजमा रहे हैं।


गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर में सभा कर तृणमूल सुप्रीमो पर कड़ा प्रहार किये। उन्होंने वोटरों के मुखातिब दो टुक शब्दों में  कहा: हमें 150 सीटें नहीं, भवानीपुर की सीट देकर हम पर उपकार करें।


अमित शाह ने भवानीपुर में कहा कि भारत को अाजादी दिलाने वाले की भूमि है यह। यहीं (भवानीपुर) से हम बंगाल में असली परिवर्तन की शुरुआत करना चाहते हैं।  


बुधवार को भाजपा अध्यक्ष ने दो चुनावी रैलियों को संबोधित किया। सबसे पहले डायमंड हार्बर में सभा की।वहां  उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के साथ ही कांग्रेस-माकपा गंठबंधन पर कड़ा प्रहार किया। शाह ने कहा : राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं के नाम बदल दिये और उन्हें राज्य सरकार की योजनाएं बता रही है। केंद्र सरकार की दो रुपये प्रति किलोग्राम चावल की योजना को बंगाल सरकार अपनी योजना बता रही है, जबकि केंद्र सरकार ने इस बाबत  27 रुपये प्रति किलो सब्सिडी दे रही है।


 भाजपा अध्यक्ष अमित शाह नेआरोप लगाया कि बंगाल में ‘सिडिकेट राज’ चल रहा है। विवेकानंद फ्लाइओवर गिरने के पीछे भी सिंडिकेट राज ही है। राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति दिनों- दिन बिगड़ रही है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।


उन्होंने माकपा-कांग्रेस के गंठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा : कांग्रेस और माकपा के बीच चुनावी समझौता ‘जोट’ नहीं वरन ‘घोट है।बंगाल में ये दोनों पार्टियां आपस में समझौता कर रही हैं, जबकि केरल में लड़ाई कर रही हैं। वे लोग देखेंगे कि राज्यसभा में इन पार्टियों का रूख क्या रहता है।


गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव ने गर्मी और बढ़ा दी है। अब जब चार चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके है, तो तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के दोबारा सरकार गठन को लेकर कयास लगाए जाने लगे है। लेकिन शारदा स्कैम औऱ नारदा स्टिंग ऑपरेशन को देखते हुए ये राह इतनी आसान नहीं लगती, जितनी पिछले विधानसभा चुनाव में थी। आम लोगों की मानें तो ममता की छवि जनता के बीच बेहद साफ-सुथरी है। जनता अब तक यही मानती रही है के वो ईमानदार है, लेकिन इस बार शारदा और नारदा ने उनकी छवि को खराब किया है।


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चिटफंड फर्जीवाड़ा के लिए मशहूर शारदा समूह से क़रीबी संबंध बताए गए थे। इस समूह पर घोटाले करने का आरोप है।
एबीपी आनंद खी खबरें हैंः


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কারখানা হয়নি। কৃষকরা জমিও ফেরত পাননি। প্রচারে নেমে ভোটারদের বারবার এই কথাটাই মনে করিয়ে দেওয়ার চেষ্টা করছেন বিরোধী দলের হেভিওয়েট প্রার্থী। আর মাস্টারমশাই বলছেন, মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের ওপর এলাকার মানুষের আস্থা অটুট। তাই ভোটের ফল নিয়ে তাঁর কোনও মাথাব্যথা নেই। সিঙ্গুরের জমিতে ভোটের লড়াই এবার হাড্ডাহাড্ডি।
ভোট পরবর্তী হিংসায় উত্তপ্ত হালিশহর। রাতে ৭ নম্বর ওয়ার্ডের দত্তপাড়ায় ২ তৃণমূলকর্মীর ওপর হামলা। দলীয় কার্যালয় সংলগ্ন মাঠে বসে গল্প করার সময়েই আক্রান্ত হন পাপন সাহা ও সঞ্জয় দে নামে ২ যুবক। প্রত্যক্ষদর্শীরা জানিয়েছেন, হঠাত্‍ই একটি টোটোতে করে এলাকায় হানা দেয় ৫ দুষ্কৃতী।  নাম করে খোঁজ শুরু হয় পাপনের। বিপদের আঁচ পেয়ে  উর্ধবশ্বাসে দৌড়তে শুরু করেন পাপন। এরপরেই তাকে লক্ষ্য করে ৫ রাউন্ড গুলি চালায়  দুষ্কৃতীরা। পিঠে গুলি লাগায় মাটিতে লুটিয়ে পড়েন পাপন। এরপরেই পাপনের সঙ্গে থাকা সঞ্জয়ের মাথায় রিভলবারের বাঁট দিয়ে আঘাত করে দুষ্কৃতীরা। গুরুতর জখম হন তিনিও।
যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ের অধ্যাপকের বাড়িতে হামলা চালাল দুষ্কৃতীরা। আক্রান্তের নাম প্রীতিকুমার রায়। বাড়ি নিউ বারাকপুরের মাসুমদায় অগ্রদূত সংঘের মাঠের পাশে। গতকাল রাত ১২টায় সেখানে হামলা চালায় জনা পনেরো দুষ্কৃতী। দুষ্কৃতীরা বাড়িতে ঢুকতে না পারলেও, বাইরের গেটের তালা ভাঙে। বাড়ির লোকের উদ্দেশে কটূক্তি ও বাইরে থেকে হুমকি চলতে থাকে। প্রীতিকুমার রায় দমদম উত্তর কেন্দ্রের বামপ্রার্থী তন্ময় ভট্টাচার্যের পোলিং এজেন্ট হয়ে বুথে বসেছিলেন।

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