बुंदेलखंड में पानी बचाने आगे आए ग्रामीण
छरी पंचायत के सरपंच अछेलाल अहिरवार और टोरी पंचायत के सरपंच जगदीश अहिरवार ने बताया कि गांव सहित पूरे इलाके में जल संकट है, इसलिए हमने ग्रामीणों के साथ जल बचाने के लिए श्रमदान करने का निर्णय लिया। अनीष कुमार ने बताया कि लातूर की तरह बुंदेलखंड और बघेलखंड में भी हालात बनते जा रहे हैं, ऐसे में हमें पानी बचाने के लिए समुदाय को साथ जोड़ना होगा और इसकी पहल समुदाय के स्तर पर करनी होगी। यतीश मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र भयावह सूखा झेल रहा है। यहां मध्यप्रदेश के इस इलाके में भी पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। बारिश से पहले हमें ऐसा कुछ करना होगा कि बारिश का पानी हम आने वाले दिनों के लिए संचित कर सके। संतोष सिंह ने बताया कि इन इलाकों से पानी की कमी के कारण बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है, पर वह विकल्प नहीं है। हमें इस इलाके को हरा-भरा और पानीदार बनाने के लिए पहल करनी होगी। इसकी यह एक छोटी शुरुआता है।
श्रमदान में बसटगुवा, टोरी, रतनगुवा, लिद्वारा और पलेरा के ग्रामीण शामिल हैं। आज स्थानीय संसाधनों पर जनता के अधिकार के लिए नारे लगाते हुए उत्साह के साथ ग्रामीणों ने श्रमदान किया।
भवदीय
अनीष कुमार
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‘पानी बचाओ, जगत बचाओ’ नारे के साथ आगे आए ग्रामीण
टीकमगढ़। जल, जंगल और जमीन पर सामुदायिक अधिकार के लिए आंदोलनरत जन संगठन एकता परिषद ने पानी के गंभीर संकट से निपटने के लिए ‘पानी बचाओ, जगत बचाओ’ नारे के साथ युवा ग्रामीणों को संगठित करना शुरू किया है। इस कड़ी में जिले के पलेरा विकासखंड के छरी पंचायत और टोरी पंचायत के डेढ़ सौ ग्रामीणों ने पानी बचाने के लिए आज से स्थानीय सांदनी नदी में श्रमदान किया। पांच दिन तक चलने वाले इस जल संचयन श्रमदान शिविर में सांदनी नदी पर स्टॉप डेम बनाया जाएगा, जिससे कि आने वाले सालों में पंचायत जल संकट से निजात पा सकें। इस शिविर में एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक अनीष कुमार, बुंदेलखंड-बघेलखंड के संतोष सिंह और मुंबई से आए एकता परिषद के वरिश्ठ कार्यकर्ता यतीश मेहता, टीकमगढ़ अनुभा बहिन शामिल हैं।
टीकमगढ़। जल, जंगल और जमीन पर सामुदायिक अधिकार के लिए आंदोलनरत जन संगठन एकता परिषद ने पानी के गंभीर संकट से निपटने के लिए ‘पानी बचाओ, जगत बचाओ’ नारे के साथ युवा ग्रामीणों को संगठित करना शुरू किया है। इस कड़ी में जिले के पलेरा विकासखंड के छरी पंचायत और टोरी पंचायत के डेढ़ सौ ग्रामीणों ने पानी बचाने के लिए आज से स्थानीय सांदनी नदी में श्रमदान किया। पांच दिन तक चलने वाले इस जल संचयन श्रमदान शिविर में सांदनी नदी पर स्टॉप डेम बनाया जाएगा, जिससे कि आने वाले सालों में पंचायत जल संकट से निजात पा सकें। इस शिविर में एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक अनीष कुमार, बुंदेलखंड-बघेलखंड के संतोष सिंह और मुंबई से आए एकता परिषद के वरिश्ठ कार्यकर्ता यतीश मेहता, टीकमगढ़ अनुभा बहिन शामिल हैं।
छरी पंचायत के सरपंच अछेलाल अहिरवार और टोरी पंचायत के सरपंच जगदीश अहिरवार ने बताया कि गांव सहित पूरे इलाके में जल संकट है, इसलिए हमने ग्रामीणों के साथ जल बचाने के लिए श्रमदान करने का निर्णय लिया। अनीष कुमार ने बताया कि लातूर की तरह बुंदेलखंड और बघेलखंड में भी हालात बनते जा रहे हैं, ऐसे में हमें पानी बचाने के लिए समुदाय को साथ जोड़ना होगा और इसकी पहल समुदाय के स्तर पर करनी होगी। यतीश मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र भयावह सूखा झेल रहा है। यहां मध्यप्रदेश के इस इलाके में भी पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। बारिश से पहले हमें ऐसा कुछ करना होगा कि बारिश का पानी हम आने वाले दिनों के लिए संचित कर सके। संतोष सिंह ने बताया कि इन इलाकों से पानी की कमी के कारण बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है, पर वह विकल्प नहीं है। हमें इस इलाके को हरा-भरा और पानीदार बनाने के लिए पहल करनी होगी। इसकी यह एक छोटी शुरुआता है।
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अनीष कुमार
9755988707
नोट - कृपया उपरोक्त समाचार को प्रकाशित करें।
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