"भागो नहीं, दुनिया को बदलो" का आह्वान करने वाले क्रन्तिकारी राहुल सांकृत्यायन जी को जन्म दिवस पर नमन!
एक क्रन्तिकारी लेखक जिस ने वोल्टेयर की परम्परा को जीवित रखा
9 अप्रेल जयंती पर महापंडित
राहुल सांस्कृत्यायन को याद करें
.......................... .......................... .......
तमाम पाखंड व कुरीतियों के खिलाफ दृढ़तापूर्वक अपनी बात रखने वाले महापंडित ने अनेक किताबें लिखी। इन्होंने जो भी साहित्य लिखा व खेत, खलिहान, सड़क किनारे, यात्रा करते हुए, लोगों के बीच जाकर, उनकी पीडा के संघर्ष में शामिल होकर लिखा। यही कारण है कि उनका साहित्य अनेक सुविधाभोगी साहित्यकारों से लाख गुणा बेहतर है जो अपने आपकों बडा साहित्यकार कहलाने के लिए दिनरात परेशान रहते है। वर्तमान समय में युवाओं को इनके साहित्य का अध्ययन करना चाहिए। जिससे दिमागी गुलामी दूर हो और बेहतर भारत का निर्माण किया जा सके।
एक क्रन्तिकारी लेखक जिस ने वोल्टेयर की परम्परा को जीवित रखा
9 अप्रेल जयंती पर महापंडित
राहुल सांस्कृत्यायन को याद करें
..........................
तमाम पाखंड व कुरीतियों के खिलाफ दृढ़तापूर्वक अपनी बात रखने वाले महापंडित ने अनेक किताबें लिखी। इन्होंने जो भी साहित्य लिखा व खेत, खलिहान, सड़क किनारे, यात्रा करते हुए, लोगों के बीच जाकर, उनकी पीडा के संघर्ष में शामिल होकर लिखा। यही कारण है कि उनका साहित्य अनेक सुविधाभोगी साहित्यकारों से लाख गुणा बेहतर है जो अपने आपकों बडा साहित्यकार कहलाने के लिए दिनरात परेशान रहते है। वर्तमान समय में युवाओं को इनके साहित्य का अध्ययन करना चाहिए। जिससे दिमागी गुलामी दूर हो और बेहतर भारत का निर्माण किया जा सके।
No comments:
Post a Comment