वंशी माहेश्वरी का जन्मदिन है आज
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साहित्यिक लघु पत्रिकाओ मे विशिष्ट स्थान रखने वाली महत्वपूर्ण पत्रिका "तनाव "का गत तीस वर्षो से पिपरिया जैसे छोटे से नगर से निरंतर सम्पादन और प्रकाशन करने वाले आदरणीय वंशी माहेश्वरी का आज जन्मदिन है l नर्मदा के तट पर सांगाखेड़ा खुर्द ग्राम मे 13 अप्रैल 1948 को जन्मे श्री वंशी भैया ने पिपरिया नगर की साहित्यिक परंपरा को समृद्ध किया l उनकी कविताओ की पुस्तिका "पाठशाला "के प्रकाशन के बाद वे साहित्यिक जगत मे चर्चित हुए l पाठशाला की कविताओ के आधार पर नाट्य मंचन हुए, कैनवास पर चित्रित किया गया l अन्य भारतीय भाषाओ मे पाठशाला की कविताओ का अनुवाद और प्रकाशन के कारण भारतीय भाषाओ मे उनकी पहचान बनी l इसके बाद "आवाज़ इतनी पहचानी कि लगी अपनी" कविता संग्रह भी प्रकाशित हुआ l हमारी साहित्यिक अभिरुचि और संस्कार विकसित करने मे वंशी भैया की बहुत बड़ी भूमिका रही है l आज जन्मदिन के अवसर पर उन्हे शुभकामनायें और प्रणाम l वे स्वस्थ, सुखी और निरोगी रहे यही कामना है l
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साहित्यिक लघु पत्रिकाओ मे विशिष्ट स्थान रखने वाली महत्वपूर्ण पत्रिका "तनाव "का गत तीस वर्षो से पिपरिया जैसे छोटे से नगर से निरंतर सम्पादन और प्रकाशन करने वाले आदरणीय वंशी माहेश्वरी का आज जन्मदिन है l नर्मदा के तट पर सांगाखेड़ा खुर्द ग्राम मे 13 अप्रैल 1948 को जन्मे श्री वंशी भैया ने पिपरिया नगर की साहित्यिक परंपरा को समृद्ध किया l उनकी कविताओ की पुस्तिका "पाठशाला "के प्रकाशन के बाद वे साहित्यिक जगत मे चर्चित हुए l पाठशाला की कविताओ के आधार पर नाट्य मंचन हुए, कैनवास पर चित्रित किया गया l अन्य भारतीय भाषाओ मे पाठशाला की कविताओ का अनुवाद और प्रकाशन के कारण भारतीय भाषाओ मे उनकी पहचान बनी l इसके बाद "आवाज़ इतनी पहचानी कि लगी अपनी" कविता संग्रह भी प्रकाशित हुआ l हमारी साहित्यिक अभिरुचि और संस्कार विकसित करने मे वंशी भैया की बहुत बड़ी भूमिका रही है l आज जन्मदिन के अवसर पर उन्हे शुभकामनायें और प्रणाम l वे स्वस्थ, सुखी और निरोगी रहे यही कामना है l

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