अलविदा आम आदमी पार्टी
बल्ली सिंह चीमा ।
(फेसबुक वाल से)
अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ईमानदार सच्चे और अच्छे व्यक्ति होने के बावजूद पार्टी में आंतरिक लोकतन्त्र
को जिन्दा नहीं रख पाये । उत्तराखण्ड में दिल्ली से आये अब्जर्वरों की जियादितियों सह प्रभारी की संविधान विरोधी कार्यशैली और ताना शाही रवैये के खिलाफ उठी कार्यकर्तायों की जायज आवाज़ को भी दिल्ली नेतृत्व ने अनसुना कर दिया परिणाम स्वरूप उत्तराखण्ड में सैकड़ों
कार्यकर्ता पार्टी छोड़ चुके हैं सैकड़ों पार्टी छोड़ने के बारे में
सोच रहे हैं। बहुत सारे लोग वेट एंड वाच की स्थिति में घर
पर बैठे हुए हैं।
जिन विचारों व् मूल्यों को लेकर आप बनी थी
उन पर कायम रहते हुए संविधान के अनुसार अपने अंदर लोकतन्त्र को बहाल रखते हुए अगर आप पार्टी काम करती है
तो मैं भविषय में पार्टी का समर्थक बना रहूंगा क्योंकि मेरा मानना है कि बहुत सारी गलतियां करने के बावजूद आप पार्टी आज भी भाजपा और कांग्रेस जैसी से बेहतर है परन्तु जो मानदण्ड आप पार्टी ने स्वंम अपने लिए बनाये या तय किये थे उन पर पार्टी खरी नहीं उतर पा रही है इस लिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ रहा हूँ ।
अनुशासन समिति के अध्यक्ष पद को और प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्यता को मैं मई माह में पहले ही छोड़
चूका हूँ ।
इसे कहकर बड़ी तकलीफ झेली है मगर सोचो
मेरे अंदर अगर सच मर गया होता तो क्या होता।
बल्ली सिंह चीमा ।
(फेसबुक वाल से)
अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ईमानदार सच्चे और अच्छे व्यक्ति होने के बावजूद पार्टी में आंतरिक लोकतन्त्र
को जिन्दा नहीं रख पाये । उत्तराखण्ड में दिल्ली से आये अब्जर्वरों की जियादितियों सह प्रभारी की संविधान विरोधी कार्यशैली और ताना शाही रवैये के खिलाफ उठी कार्यकर्तायों की जायज आवाज़ को भी दिल्ली नेतृत्व ने अनसुना कर दिया परिणाम स्वरूप उत्तराखण्ड में सैकड़ों
कार्यकर्ता पार्टी छोड़ चुके हैं सैकड़ों पार्टी छोड़ने के बारे में
सोच रहे हैं। बहुत सारे लोग वेट एंड वाच की स्थिति में घर
पर बैठे हुए हैं।
जिन विचारों व् मूल्यों को लेकर आप बनी थी
उन पर कायम रहते हुए संविधान के अनुसार अपने अंदर लोकतन्त्र को बहाल रखते हुए अगर आप पार्टी काम करती है
तो मैं भविषय में पार्टी का समर्थक बना रहूंगा क्योंकि मेरा मानना है कि बहुत सारी गलतियां करने के बावजूद आप पार्टी आज भी भाजपा और कांग्रेस जैसी से बेहतर है परन्तु जो मानदण्ड आप पार्टी ने स्वंम अपने लिए बनाये या तय किये थे उन पर पार्टी खरी नहीं उतर पा रही है इस लिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ रहा हूँ ।
अनुशासन समिति के अध्यक्ष पद को और प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्यता को मैं मई माह में पहले ही छोड़
चूका हूँ ।
इसे कहकर बड़ी तकलीफ झेली है मगर सोचो
मेरे अंदर अगर सच मर गया होता तो क्या होता।
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