Tuesday, April 5, 2016

"राज्य में अब भी तेरह ऐसे मंदिर हैं, जहां दलितों के प्रवेश करने पर रोक है। सदन में प्रश्नकाल के दौरान शहरकोटडा से विधायक शैलेष परमार के सवाल के जवाब में राज्य के गृहमंत्री ने यह बात स्वीकार की। राज्य के जो 13 मंदिर हैं, उनमें भरूच के 3, अहमदाबाद ग्रामीण का एक, आणंद के 2, महीसागर का एक, देवभूमि द्वारका का एक, गिर-सोमनाथ के दो, पोरबंदर के दो और बनासकांठा एक मंदिर शामिल है। हाल ही में जामनगर के जाम-जोधपुर के सतापर गांव में स्थित एक मंदिर के बाहर बैनर लगा था। इसमें स्पष्ट रूप से लिखा था कि मंदिर के अंदर दलित भाई-बहन, मुस्लिम, बुनकर, देवीपूजक व कोली समाज के लोग प्रवेश न करें..."

धर्म की जय हो - अधर्म का नाश हो
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"राज्य में अब भी तेरह ऐसे मंदिर हैं, जहां दलितों के प्रवेश करने पर रोक है। सदन में प्रश्नकाल के दौरान शहरकोटडा से विधायक शैलेष परमार के सवाल के जवाब में राज्य के गृहमंत्री ने यह बात स्वीकार की।
राज्य के जो 13 मंदिर हैं, उनमें भरूच के 3, अहमदाबाद ग्रामीण का एक, आणंद के 2, महीसागर का एक, देवभूमि द्वारका का एक, गिर-सोमनाथ के दो, पोरबंदर के दो और बनासकांठा एक मंदिर शामिल है।
हाल ही में जामनगर के जाम-जोधपुर के सतापर गांव में स्थित एक मंदिर के बाहर बैनर लगा था। इसमें स्पष्ट रूप से लिखा था कि मंदिर के अंदर दलित भाई-बहन, मुस्लिम, बुनकर, देवीपूजक व कोली समाज के लोग प्रवेश न करें..."
अहमदाबाद. आजादी के इतने वर्षो बाद भी देश में छुआछूत कायम है। वहीं आधुनिक कहा जाने वाला गुजरात भी इससे अछूता नहीं है। राज्य में अब भी तेरह ऐसे मंदिर हैं, जहां दलितों के प्रवेश करने…
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