Tuesday, April 12, 2016

पिच भिगोने के लिए पानी और पानी की खोज में जान जोखिम में औरतों की!


आई.के मानव
ये दृश्य किसी हिंदी इंग्लिश फ़िल्म का नहीं है जिसमें फर्जी इस्टेप चलाकर मानव मनोरंजन के लिए पेश कर चंद रुपयों की जुगत की जाए बल्कि ये दृश्य है महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों का है जंहा पानी ही जीवन है की कहावत को सच में देश की माताएं बहनें इस दृश्य के माध्यम से सच साबित कर रही है।जो की ये वही अनपढ़ गंवार है जो नेताओं के वादों पर भरोषा कर अपनें घर की कुंजी उन्हें शौंप खुद की गुलामी करती नजर आ रही है,हाँ ये वही लोग है जो अपनी जान को किसी फ़िल्मी अंदाज में स्टेप सत्य की पठकथा लिखते हुए यमराज की कोख में सदा समानें के लिए तत्पर्य है परंतु इनका मालिक इतना बेशर्म है की अपनी ऐय्याशी की भूख पूर्ण करनेँ हेतू सदा लाखों लीटर पानी अंग्रेजो द्वारा बनाये गए खेल क्रिकेट की पिच सुधारनें हेतु खर्च कर रहा हैं..

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