Friday, April 8, 2016

समकालीन तीसरी दुनिया का छत्तीसगढ़ के नाम जिसे आज पूरी तरह पुलिस स्टेट में तब्दील कर दिया गया है और सच बोलने वाले डॉक्टर, वकील से लेकर पत्रकार तक को जेल में डाल दिया गया है. इसके अलावा रोहित वेमुला से शुरू हुए छात्र असंतोष का अब तक के घटनाक्रम के सन्दर्भ में बेहतरीन राजनीतिक विश्लेषण अरुण फरेरा और वेर्नोंगोंजाल्वेस ने किया था जिसका तर्जुमा यहाँ उपलब्ध है.

समकालीन तीसरी दुनिया का  छत्तीसगढ़ के नाम जिसे आज पूरी तरह पुलिस स्टेट में तब्दील कर दिया गया है और सच बोलने वाले डॉक्टर, वकील से लेकर पत्रकार तक को जेल में डाल दिया गया है. इसके अलावा रोहित वेमुला से शुरू हुए छात्र असंतोष का अब तक के घटनाक्रम के सन्दर्भ में बेहतरीन राजनीतिक विश्लेषण अरुण फरेरा और वेर्नोंगोंजाल्वेस ने किया था जिसका तर्जुमा यहाँ उपलब्ध है.
अभिषेक श्रीवास्तव
ये रहा समकालीन तीसरी दुनिया का अप्रैल अंक, जो पहले से चली आ रही वित्तीय दिक्कतों के कारण अब तक प्रिंट नहीं हो सका है लेकिन इसका पीडीएफ पाठकों के लिए हमेशा की तरह issuu.com पर उपलब्ध है. इस बार का अंक छत्तीसगढ़ के नाम जिसे आज पूरी तरह पुलिस स्टेट में तब्दील कर दिया गया है और सच बोलने वाले डॉक्टर, वकील से लेकर पत्रकार तक को जेल में डाल दिया गया है. इसके अलावा रोहित वेमुला से शुरू हुए छात्र असंतोष का अब तक के घटनाक्रम के सन्दर्भ में बेहतरीन राजनीतिक विश्लेषण अरुण फरेरा और वेर्नोंगोंजाल्वेस ने किया था जिसका तर्जुमा यहाँ उपलब्ध है.
ओबामा की क्यूबा यात्रा और उसके निहितार्थों पर हिंदी में यहाँ आपको विशेष सामग्री मिलेगी. फिदेल कास्त्रो की 'ब्रदर ओबामा को सलाह' पढ़िए. बांग्लादेश होकर आए पत्रकारAbhishek Ranjan Singh की ख़ास रिपोर्ट और उत्तराखंड की घसियारिनों पर त्रेपन सिंह चौहान की रिपोर्ट. हिन्दुत्ववादी कट्टरपंथ की ऐतिहासिक जड़ों को खंगाल रहे हैं Ram Shiromani Shukla और जेएनयू प्रकरण के बहाने भारत में नव-मैकार्थीवाद पर नज़र डाल रहे हैं Ish Mishra. हमेशा की तरह नेपाल पर भी इस अंक में अद्यतन सामग्री मौजूद है.
साहित्य में Ranjit Verma की कलम से ''कविता: 16 मई के बाद'' के आयोजनों और अनुभवों पर रपट. निदा नवाज़ की तीन कविताएँ और Vishnu Sharma की फिल्म समीक्षा भी पठनीय है. नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें, पत्रिका पढ़ें और डाउनलोड करें.

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