ये इतिहास रचने वाले न्यायमूर्ति
बटरोही
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न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति विजयकुमार सिंह बिष्ट
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17 जून, 1958 को कोच्चि (केरल) में जन्मे केएम जोसेफ की आरंभिक शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय, कोच्चि में और उच्च शिक्षा गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, एर्नाकुलम, चेन्नई और नयी दिल्ली में हुई. केरल उच्च न्यायालय में 1982-83 से प्रैक्टिस आरम्भ की और 14-10-2004 में उच्च न्यायालय में जज नियुक्त हुए. 31-7-2014 से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यरत.
17 सितम्बर, 1957 को पौड़ी गढ़वाल के लेंसडाउन में जन्मे वी. के. बिष्ट की आरंभिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज, कांसखेत (पौड़ी गढ़वाल) में हुई और उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई. 1984 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एडवोकेट और बार कौंसिल के सदस्य के रूप में पंजीकृत. उत्तराखंड में उच्च न्यायालय के गठन के बाद से ही कार्यरत, 1-7-2004 से सीनियर अधिवक्ता और नवम्बर, 2008 से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश. कुछ समय के लिए प्रधान न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया. उत्तराखंड के जनमानस के बीच अपनी निष्पक्ष छवि के कारण बेहद लोकप्रिय.


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