Sunday, April 10, 2016

Kavita Tayade सामाजिक गद्दार कौन है ? Who is Social Traitor ?

Kavita Tayade
सामाजिक गद्दार कौन है ? Who is Social Traitor ?

डॉ.बाबासाहब अम्बेडकर के जीवन संघर्ष , त्याग, समर्पण और बलिदान से भारत के लोगों की सामाजिक स्वतंत्रता के लिए निर्माण किया सामाजिक आंदोलन (Social Movement for Social Freedom of People of India) के बदौलत शिक्षा का अवसर मिलता है,
शिक्षा का अवसर मिलने से उच्च और व्यावसायिक शिक्षा हासिल करता है,
उच्च और व्यावसायिक शिक्षा हासिल करने से प्रशासन में सामाजिक प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्ति होती है ( आरक्षण प्रतिनिधित्व है Reservation is Representation)
समाज को सामाजिक भेदभाव और जातीय अत्याचार से बचाकर उन्हें न्याय देना यह सामाजिक प्रतिनिधि का काम करने के बजाय, पदोन्नति, बदली, नियुक्ति, पोस्टिंग के लिए समाज पर अन्याय कर के समाज से गद्यारी करता है,
समाज के संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण करने के बजाय, सत्ता और संपत्ति के लिए दुश्मनों के साथ समझौता करता है (compromise with enemies),
लोकतंत्र का विरोध और ब्राम्हणवाद का समर्थन करता है (Oppose to Democracy and Supporting Brahmanism )
पदोन्नति, बदली, नियुक्ति, पोस्टिंग के लिए सत्य, स्वतंत्रता, समानता, न्याय और भाईचारे को समर्थन नहीं करता है (Not Supporting to Truth, Freedom , Equality, Justice and Fraternity)
समाज के संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण नही करता है और सत्ता और संपत्ति के लिए अपने स्वतंत्रता, स्वाभिमान की बली देता है
पैसा, शिक्षा हासिल करने के बाद भारतीय संविधान के कलम ३३० और ३३२ के अनुसार आरक्षीत सीट से चुनाव लढकर शासन में सामाजिक प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्ति होती है ( आरक्षण प्रतिनिधित्व है Reservation is Representation)
समाज के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना, यह सामाजिक प्रतिनिधि का काम करने के बजाय,
मंत्री बनने के लिए समाज के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा नही करता और अपने स्वतंत्रता और स्वाभिमान की बली देता है.
अपने बहुजन महापुरुषों के भारत के लोगों की स्वतंत्रता के लिए निर्माण किया सामाजिक आंदोलन (Social Movement for Freedom of People of India)
के लिए तन, (Time) मन, (Intelligence) धन (Money and Property) नही देता है
अपने तन, (Time) मन, (Intelligence) धन (Money and Property) का उपयोग रंगरेलियां, ऐशोआराम, मौजमस्ती, चहलपहल, मदपान में करता है.
जिस समाज में जन्म लिया हैं, उस समाज के के अपने कर्तव्य को भुल जाता है.
अपने सामाजिक प्रतिनिधि के पद को स्वार्थ के लिए बेचता है
उसे सामाजिक गद्दार कहते है.
उसे सामाजिक गद्दार कहते है.
उसे सामाजिक गद्दार कहते है.

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