Wednesday, April 13, 2016

बच्चा -बच्चा पानी पानी - मांग रहा है हिन्दुस्तानी Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna

बच्चा -बच्चा पानी पानी - मांग रहा है हिन्दुस्तानी 

Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna
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भीषण जल संकट से निबटने का एक उपाय यह है कि विदेसी नस्ल के संकर फूलों की खेती बन्द की जाए । नकदी के लालच में महाराष्ट्र में जम कर फूलों की खेती होती है । यह संकर नस्ल के बाँझ फूल हैं , जिनमे न बीज होता है और न पराग । ये सिर्फ देखने में सूंदर हैं , अन्यथा इनमे रस और गन्ध नहीं है । प्राकृतिक फूलों पर बैठने वाले भँवरे , मधु मक्खी तथा अन्य कीट दूसरे पादपों के लिए एंटी बायोटिक का काम भी करते हैं । प्राकृतिक फूलों की अपेक्षा हाई ब्रीड फूलों के लिए कई हज़ार गुना पानी चाहिए । आज जब महाराष्ट्र में ट्रेन से पानी भेजना पड़ रहा है , तब हिसाब लगाइये कि इन फूलों से प्राप्त विदेशी मुद्रा के लिए हमने क्या कीमत चुकाई है । यह सीधे सीधे अपनी जल सम्पदा का एक्सपोर्ट है ।फूलों की माला और बुके चाहने वाले देवताओं और नेताओं का भी बहिष्कार हो । विदेसी नस्ल के फूलों की जगह देसी , जंगली और प्राकृतिक फूलों के उत्पादन पर ज़ोर दिया जाए ।
क्या उलट बांसी है कि महाराष्ट्र के सूखा पीड़ित इलाक़ों में रीते कुंओँ में पहले टैंकर से पानी डाला जा रहा है , और फिर उनमे उतर कर लोग पानी भर रहे हैं । यह हर समस्या को बणिज दृष्टि से देखने वाली ए टी एम् संस्कृति का शेख चिल्ली पन है । कुँआ क्या कोई ए टी एम् है ? ऐ दुष्ट ब्योपारी , एग्रीकल्चर को एग्रीनोमि बनाने से दर गुज़र । गन्ना और विलायती फूलों की खेती रोक । चावल की खेती पर भी लगाम लगा । शुगर लॉबी को क़ाबू कर ।सट्टे बाजों की द्यूत क्रीड़ा क्रिकेट में होने वाला पानी का बरबादा रोक । स्वीमिंग पूलों को पत्थरों से पाट । लॉन सींचने पर रोक लगा । लॉन को फावड़े से खोद कर वहां चौड़ी पत्ती के पेड़ लगा । बाथ रूम में फव्वारे की जगह लोटा बाल्टी से नहाना स्टार्ट कर । धरती माता का दुग्ध सजल वक्ष सुखा डाला । धत्तेरे नालायक कपूत की ।

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