Sunday, April 24, 2016

. जातिवाद तोड़ना या बनाए रखने की साजिश.

..... जातिवाद तोड़ना या बनाए रखने की साजिश....
कुछ लोग लंबे अरसे से जातिवाद का विरोध कर रहे हैं। देखकर अच्छा लगता है। ब्राह्मण लड़कियों को प्रपोज़ करते हैं, यह लोकतान्त्रिक हक है। जवाब में नहीं सुनने पर कहते हैं ब्राह्मण लड़की है तो मेरे साथ कैसे आएगी? फिर अपनी जाति की लड़कियों को प्रपोज़ करते हैं। जवाब --नहीं. तो मंच से कहते हैं- मैंने अपनी जाति का समझ कर एड्मिशन तक करवा दिया पर जाएगी दूसरी जाति के लोगों के ही साथ। फिर फिर और फिर प्रपोज़ करते हैं- जवाब पता नहीं--- इस बार कहते हैं मनुवादियों के साथ ही जाएंगे.... काश एक लड़की ने हाँ कह दिया होता तो न जाने कितने लोग मनुवाद की भेंट चढ़ने से बच जाते। बहुत कुछ बोला नहीं जाता है इसका मतलब यह नहीं समझना चाहिए कि लोगों को बोलना नहीं आता है... हैरान हूँ मनुवाद से मनुवाद का मुक़ाबला देखकर। (सच कहा है किसी ने मूर्ख शिष्य हो तो समझिए गुरु को घंटाल बनवाए वगैर छोड़ेगा नहीं)।

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