Wednesday, August 10, 2016

और बताओ दुनिया को कि तुम औरत हो कि आदिवासी हो कि कविता लिखती हो कि तुम्हारे संग रेप हुआ है कि तुम्हारी औलाद मरी है कि तुम मजूर हो

Dopadi Singhar
-----------------------------------------
मैं कौन हूँ
बकरी पटवारी के पास नहीं गई 
बकरी होने का सर्टिफ़िकेट लेने
गाय नहीं गई पटवारी के पास
गाय हूँ ऐसा सर्टिफ़िकेट लेने
भैंस नहीं गई
हिरनी नहीं गई
ऊँठनी नहीं गई
मोरनी नहीं गई
कुतिया नहीं गई
मगर हम जंगल की नार
कहा एक नारी ने
'कुतिया जा जाके
अपने आदिवासी होने का
सर्टिफ़िकेट ला
जा जाके औरत होने का सर्टिफ़िकेट ला'
बताओ ज्ञानी ध्यानी सभी पिरानी
कोई औरत होने का सर्टिफ़िकेट कैसे दे
जो पेटीकोट
दरोग़ा ने नहीं उतारा
वो कविता करने वाले
वो कविता पढ़ने वाले
वो कोमल मन के
जीवों ने कहा उतारो
और बताओ दुनिया को
कि तुम औरत हो
कि आदिवासी हो
कि कविता लिखती हो
कि तुम्हारे संग रेप हुआ है
कि तुम्हारी औलाद मरी है
कि तुम मजूर हो
कविलोग और पढ़नेवालों
सुन लो देके कान
मैं कुतिया हूँ
मैं कुतिया हूँ
मैं क्रीम नहीं लगाती
मैं काली कुतिया हूँ।
-------------------------------------

1 comment: